
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सक्रिय पहल के परिणामस्वरूप, राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में प्रस्तावित चार नए शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना को हरी झंडी दे दी है।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, ये नवीन महाविद्यालय जशपुर और बस्तर जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे:
जशपुर जिले में: फरसाबहार और करडेगा।
बस्तर जिले में: नगरनार और किलेपाल।
दूरस्थ अंचलों में उच्च शिक्षा के अवसर
मुख्यमंत्री की इस महत्वपूर्ण पहल से जनजाति बहुल और भौगोलिक रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के हजारों छात्रों को अब अपने घर के नजदीक ही उच्च शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलेगा। श्री साय ने जोर देकर कहा है कि युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
“दूर-दराज के क्षेत्रों की बेटियों और बेटों को अब कॉलेज की पढ़ाई के लिए अपने घरों से दूर नहीं जाना पड़ेगा। शिक्षा की पहुँच हर क्षेत्र तक सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार शैक्षणिक संरचना को मजबूत बना रही है,” मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा ही प्रदेश के सर्वांगीण विकास की नींव है और सरकार युवाओं को बेहतरीन शैक्षणिक वातावरण, अवसर, और संसाधन देने के लिए पूरी तरह से समर्पित है।
नए पद सृजित और कक्षाएं शुरू करने की अनुमति
यह उल्लेखनीय है कि इन चारों महाविद्यालयों के लिए राज्य शासन ने कुल 132 पदों (प्रत्येक कॉलेज के लिए 33 पद) के सृजन को स्वीकृति दे दी है, साथ ही कक्षाएं शुरू करने की तत्काल अनुमति भी प्रदान कर दी है।
स्वीकृत पदों में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, सहायक ग्रेड-1 और प्रयोगशाला कर्मी जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल हैं।
श्री साय की यह दूरदर्शी पहल आदिवासी क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के प्रसार को गति देगी, स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार, शिक्षा और कौशल वृद्धि के नए द्वार खोलेगी, और प्रदेश में समान एवं संतुलित शैक्षणिक विकास को बढ़ावा देगी।
















