छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा का विस्तार : नवाचार और रोजगार पर विशेष जोर

रायपुर। छत्तीसगढ़ का तकनीकी शिक्षा विभाग राज्य में व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षण के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए निरंतर सक्रिय है। वर्तमान में विभाग के मार्गदर्शन में कुल 29 इंजीनियरिंग कॉलेज, 53 पॉलिटेक्निक संस्थान और 101 फार्मेसी संस्थान सफलता पूर्वक संचालित किए जा रहे हैं।
शैक्षणिक संरचना और बढ़ता रुझान
इन संस्थानों में इंजीनियरिंग के 30 स्नातक और 36 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जबकि पॉलिटेक्निक स्तर पर 21 विभिन्न डिप्लोमा कोर्स संचालित हैं। वर्तमान में लगभग 60,000 छात्र इन संस्थानों में अपना भविष्य संवार रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस सत्र में इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक प्रवेश में 20% की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है।
आधुनिक पाठ्यक्रम और सी.आई.टी. (CIT) की स्थापना
सत्र 2025-26 से राज्य सरकार ने तकनीकी शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए आईआईटी (IIT) की तर्ज पर ‘छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ (CIT) की पहल की है।
अब तक 04 संस्थानों को उन्नत कर रोबोटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसे आधुनिक विषयों की शुरुआत की गई है।
जल्द ही रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में भी इसी तर्ज पर नए संस्थान स्थापित किए जाएंगे।
स्टार्टअप और प्लेसमेंट के लिए महत्वपूर्ण समझौते (MoUs)
युवाओं में उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
i-Hub की स्थापना: गुजरात के i-Hub के साथ हुए समझौते के तहत रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में i-Hub बनाया गया है, जो स्टार्टअप के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।
रोजगार सहायता: छात्रों को बेहतर प्लेसमेंट दिलाने के लिए Apanatech Pvt. Ltd. और कौशल प्रशिक्षण के लिए CSRBOX के साथ अनुबंध किया गया है।
उद्योग जगत से जुड़ाव: स्टार्टअप प्रोजेक्ट्स को औद्योगिक स्तर पर लागू करने के लिए CII और YI समूहों के साथ तालमेल बिठाया गया है।
छात्र कल्याण और नई शिक्षा नीति
राज्य के तकनीकी विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना’ प्रभावी है। इसके तहत ₹2 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चों को ₹4 लाख तक के शिक्षा ऋण पर ब्याज की छूट दी जाती है। अब तक 11,643 छात्र इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
कर्मचारियों का हित संवर्धन
विभाग ने न केवल छात्रों बल्कि अपने स्टाफ की उन्नति पर भी ध्यान दिया है। हाल ही में:
पॉलिटेक्निक संस्थानों के 204 प्रथम श्रेणी शिक्षकों को करियर संवर्धन योजना के तहत पदोन्नत किया गया।
तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के सैकड़ों कर्मचारियों को पदोन्नति और समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है।
















