बाढ़ प्रभावितों को मिला राशन, बर्तन-कपड़े, गैस सिलेंडर-चूल्हा और मकान ढहने पर सहायता राशि

रायपुर। हाल ही में दंतेवाड़ा में आई भयंकर बाढ़ के दौरान, प्रशासन ने प्रभावित लोगों तक तुरंत मदद पहुँचाई। इस दौरान, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अपने विदेश दौरे पर थे। उन्होंने दक्षिण कोरिया से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बाढ़ प्रभावित ज़िलों के कलेक्टरों को ज़रूरी निर्देश दिए।
आज जब मुख्यमंत्री दंतेवाड़ा के चूड़ी टिकरापारा पहुँचे, तो बाढ़ पीड़ित परिवारों ने प्रशासन का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि समय पर मिली सहायता के कारण वे सब सुरक्षित हैं। राहत शिविरों में उनके रहने, खाने-पीने और इलाज की सभी सुविधाएँ दी गई हैं।
बाढ़ से प्रभावित गुप्तेश्वरी कश्यप, शालिनी शर्मा, सविता पात्रे और लता सागर ने मुख्यमंत्री साय को बताया कि उन्हें राहत शिविरों में कोई दिक्कत नहीं हुई। अब उन्हें राशन, बर्तन, कपड़े, गैस सिलिंडर और चूल्हा भी मिल गया है। जिनका घर बाढ़ में ढह गया, उन्हें सहायता राशि भी मिल चुकी है और वे नया घर बनने तक राहत शिविर में ही रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि जैसे ही बाढ़ आने की सूचना मिली, प्रशासन की अपील पर वे सभी सुरक्षित जगहों पर चले गए थे। बाढ़ का पानी उतरने के बाद, उन्हें चूड़ी टिकरापारा के हॉस्टल में बने राहत शिविर में ठहराया गया।
इसी तरह, रीता कश्यप, द्रोपदी नाग, कुंदन गुप्ता, महेश नाग, बबीता नाग और अन्य प्रभावितों ने भी प्रशासन के राहत और बचाव कार्यों की तारीफ़ करते हुए मुख्यमंत्री साय को धन्यवाद कहा।
मुख्यमंत्री से मिलते हुए भावुक हुईं सोमड़ी सोढ़ी
मुख्यमंत्री साय जब चूड़ी टिकरापारा की निवासी सोमड़ी सोढ़ी के घर पहुँचे, तो वे उन्हें देखकर भावुक हो गईं। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि बाढ़ के कारण उनका पूरा घर पानी में डूब गया था। बाढ़ आने से एक दिन पहले, वे अपनी दो बेटियों के साथ इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थीं। इस वजह से उनकी जान बच गई। वे शुक्रवार को अस्पताल से अपने घर लौटीं।
सोमड़ी ने बताया कि बाढ़ के पानी से घर का सारा सामान ख़राब हो गया था। लेकिन प्रशासन ने उन्हें राशन, बर्तन, कपड़े, गैस सिलिंडर और चूल्हा तुरंत उपलब्ध कराया। साथ ही, राहत शिविर में नाश्ता, खाना और इलाज की सुविधा भी दी जा रही है। उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में मदद के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
इसी तरह, दंतेवाड़ा के चूड़ी टिकरापारा के सुरेश बघेल ने बताया कि बाढ़ आने वाले दिन उनका पूरा परिवार घर पर ही था। प्रशासन की सूचना के बाद वे सब सुरक्षित जगह पर चले गए और एक दिन बाद राहत शिविर पहुँचे। पिछले शुक्रवार को वे राहत शिविर से अपने घर लौटे हैं।
सुरेश ने बताया कि प्रशासन ने उन्हें राशन, बर्तन, गैस सिलिंडर, चूल्हा, कंबल, चादर और कपड़े जैसे सभी ज़रूरी सामान दिए हैं, जिससे उनके परिवार को बहुत राहत मिली है।