छत्तीसगढ़

सीएम साय के बयान के बाद जमीन गाइडलाइन दरों पर नया आदेश जारी : बहुमंजिला फ्लैट और दुकानों को बड़ी राहत

रायपुर। छत्तीसगढ़ में जमीन की नई गाइडलाइन दरों को लेकर लगातार उठ रही आपत्तियों के बीच, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो सरकार इसमें पुनर्विचार करने के लिए तैयार है। अब, सरकार ने एक बड़ा यू-टर्न लेते हुए केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।

बोर्ड ने हाल ही में जारी की गई दर बढ़ोतरी से जुड़े कई प्रावधानों को वापस ले लिया है और पूरे प्रदेश में मूल्यांकन की एक समान व्यवस्था लागू कर दी है।

पुनरीक्षण के बाद जारी हुए नए निर्देश

कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन ने गाइडलाइन दरों में पुनरीक्षण को लेकर आदेश जारी किया है। इस आदेश से बहुमंजिला फ्लैटों और दुकानों को बड़ी राहत मिली है।

सुपर बिल्ट-अप एरिया प्रावधान खत्म: अब संपत्ति के बाजार मूल्य की गणना के लिए सुपर बिल्ट-अप एरिया के आधार पर गणना का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है।

बिल्ट-अप एरिया पर मूल्यांकन: अब बहुमंजिला फ्लैट/दुकान/कार्यालयों का मूल्यांकन बिल्ट-अप एरिया के आधार पर किया जाएगा। यह प्रावधान, जो मध्य प्रदेश के समय से चला आ रहा था, राज्य में वर्टिकल डेवलपमेंट को बढ़ावा देगा और भूमि का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करेगा।

केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड में लिए गए मुख्य निर्णय

भूखंडों की गणना में बदलाव:

नगरीय क्षेत्र में 1400 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए इंक्रीमेंटल आधार पर गणना के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है।

इसके बजाय, पहले से प्रचलित स्लैब दर से मूल्यांकन के प्रावधान को बहाल किया गया है:

नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल तक।

नगर पालिका क्षेत्र में 37.5 डेसिमल तक।

नगर पंचायत क्षेत्र में 25 डेसिमल तक।

बहुमंजिला भवनों के लिए राहत:

बहुमंजिला भवन एवं कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में बेसमेंट और प्रथम तल के मूल्यांकन में 10% की कमी की जाएगी।

द्वितीय तल एवं उससे ऊपर के तल पर 20% की कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा।

इस बदलाव से मध्यम वर्ग को किफायती दर पर फ्लैट मिल सकेंगे।

कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में दूरी का लाभ:

कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में 20 मीटर के बाद स्थित संपत्ति के लिए भूखंड की दर में 25% की कमी करके मूल्यांकन किया जाएगा। 20 मीटर दूरी की गणना कॉम्प्लेक्स के मुख्य मार्ग की ओर से निर्मित भाग से की जाएगी।

जिला मूल्यांकन समितियों को निर्देश

जिला मूल्यांकन समिति द्वारा गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण के प्रस्ताव केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड को भेजे जाते हैं। बोर्ड ने जिला मूल्यांकन समिति को निर्देश दिया है कि हाल ही में हुई दरों में वृद्धि के पश्चात् प्राप्त ज्ञापनों, आपत्तियों और सुझावों की समीक्षा करके 31 दिसंबर तक गाइडलाइन दरों में पुनरीक्षण के प्रस्ताव भेजें। उपरोक्त सभी निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

जरूरत पड़ी तो करेंगे बदलाव

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दोहराया कि गाइडलाइन दरों को लेकर अभी भी विभागीय मंथन जारी है और जरूरत पड़ने पर सरकार इसमें पुनर्विचार करने के लिए तैयार है।

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