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बढ़ती महंगाई रोकने के लिए खाद्य पदार्थों पर टैरिफ हटाया, भारतीय किसानों को राहत की उम्मीद

नई दिल्ली (एजेंसी)। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में महंगाई पर काबू पाने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई खाद्य उत्पादों को आपसी टैरिफ (शुल्क) की सूची से बाहर कर दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि इस निर्णय से भारतीय किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि इससे भारतीय कृषि उत्पादों की मांग बढ़ने की संभावना है। इसे दोनों देशों के बीच व्यापक व्यापार वार्ता के लिए भी एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

निर्यात में बढ़ोतरी का अनुमान

भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (FIEO) के महानिदेशक अजय सहाय के मुताबिक, टैरिफ में इस छूट से भारत का निर्यात लगभग 2.5 अरब डॉलर से 3 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि इस कदम से प्रीमियम, विशिष्ट और मूल्यवर्धित उत्पादों के लिए नए रास्ते खुलेंगे। उच्च-मूल्य वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने वाले निर्यातकों को मूल्य दबावों से बेहतर सुरक्षा मिलेगी और वे बढ़ती उपभोक्ता मांग का लाभ उठा सकेंगे।

किन उत्पादों को मिली टैरिफ से छूट?

उपभोक्ताओं में किराने के सामान की बढ़ती कीमतों को लेकर बढ़ती चिंताओं के कारण, राष्ट्रपति ट्रंप ने 200 से अधिक खाद्य उत्पादों को टैरिफ सूची से हटा दिया। इनमें चाय, कॉफी, मसाले, काजू जैसे उत्पाद शामिल हैं।

पहले, यूरोपीय संघ और वियतनामी आपूर्तिकर्ताओं पर इन वस्तुओं पर 15-20% शुल्क था।

हालांकि, भारतीय निर्यातकों को अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा था, क्योंकि ट्रंप ने कुछ भारतीय वस्तुओं के आयात पर शुल्क दोगुना करके 50% तक कर दिया था।

टैरिफ हटाने का यह फैसला अब अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है और इससे इस साल शुल्क वृद्धि से उत्पन्न हुए निर्यात दबाव को कम करने में मदद मिल सकती है। कृषि निर्यात से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस ताजा फैसले से भारतीय किसानों और चाय, कॉफी, काजू के साथ-साथ फलों और सब्जियों के निर्यातकों को विशेष रूप से फायदा होगा।

टैरिफ बढ़ने से प्रभावित हुआ था निर्यात

पिछले टैरिफ वृद्धि के बाद, सितंबर में अमेरिका को भारतीय वस्तुओं का निर्यात सालाना आधार पर लगभग 12% घटकर $5.43 अरब रह गया था। वर्ष 2024 में अमेरिका को भारत के कुल $87 अरब के निर्यात में भारतीय कृषि निर्यात का हिस्सा लगभग $5.7 अरब होने का अनुमान है।

छूट की सीमा पर अस्पष्टता

इस टैरिफ बदलाव से मसालों और विशिष्ट बागवानी उत्पादों में भारत की स्थिति थोड़ी मजबूत होगी और अमेरिका में खोई हुई मांग को फिर से पाने में मदद मिलेगी। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लैटिन अमेरिकी, अफ्रीकी और आसियान आपूर्तिकर्ताओं को अधिक फायदा होने की संभावना है। इसके अलावा, अभी यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय निर्यातकों को 25% आपसी शुल्कों से छूट मिलेगी या उन्हें पूरे 50% शुल्कों से मुक्ति मिलेगी।

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