मुख्यमंत्री साय रायगढ़ में चक्रधर समारोह के समापन कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायगढ़ में आयोजित चक्रधर समारोह के समापन अवसर पर कला और संस्कृति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महाराजा चक्रधर सिंह ने संगीत और कला को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान दी।
कला और संस्कृति के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने कहा कि रायगढ़ में कला और संगीत के प्रति गहरा लगाव है। इसी लगाव को बनाए रखने के लिए पिछले साल यहाँ एक कला और संगीत महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई थी। उन्होंने बताया कि इसके लिए बजट का प्रावधान हो चुका है और जगह भी चुन ली गई है। कुछ ही महीनों में यह महाविद्यालय बनकर तैयार हो जाएगा।
शासन की उपलब्धियाँ और भविष्य की योजनाएँ
श्री साय ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 9 महीनों में कई योजनाएं लागू की गई हैं, जिनका लाभ सीधे जनता को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को उनकी सरकार ने थोड़े ही समय में पूरा किया है और 2047 तक के लिए छत्तीसगढ़ का विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार किया है।
महतारी वंदन योजना: इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ की लगभग 70 लाख महिलाओं के खाते में हर महीने एक हजार रुपये जमा किए जा रहे हैं।
रोजगार और निवेश: सरकार की नई उद्योग नीति ने राज्य में करोड़ों रुपये का निवेश आकर्षित किया है, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं।
राजिम कुंभ: उन्होंने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान, राजिम कुंभ को भव्यता प्रदान करने की बात भी कही।
समारोह के मुख्य आकर्षण
समापन समारोह में मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों ने जाने-माने पद्मश्री गायक कैलाश खेर की संगीतमय प्रस्तुतियों का आनंद लिया। इस अवसर पर, डाक विभाग द्वारा महाराजा चक्रधर सिंह पर जारी एक विशेष आवरण का विमोचन भी किया गया। इसके अलावा, रायगढ़ नगर निगम के शुभंकर ‘अप्पू राजा’ को भी लॉन्च किया गया, जो ‘सुग्घर छत्तीसगढ़’ की परिकल्पना पर आधारित है। समारोह में कथक की मशहूर कलाकार पद्मश्री डॉ. नलिनी और डॉ. कमलिनी अस्ताना को उनकी टीम सहित सम्मानित किया गया।
कला और संस्कृति की नगरी: रायगढ़
समारोह में उपस्थित उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि कला और संस्कृति छत्तीसगढ़ की पहचान रही है, जिसे महाराजा चक्रधर सिंह ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
स्थानीय विधायक और वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने रायगढ़ को कला और संस्कृति की नगरी बताया। उन्होंने महाराजा चक्रधर सिंह के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से कथक नृत्य और अन्य सांस्कृतिक विरासतों को पहचान मिली। उन्होंने रायगढ़ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रशिक्षण केंद्र के साथ-साथ नालंदा परिसर की स्थापना की भी बात की, जिससे युवाओं को आईआईटी, नीट और लॉ यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश के अवसर मिलेंगे।
राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह ने भी महाराजा चक्रधर सिंह के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने संगीत की खोई हुई विरासत को न केवल सहेजा बल्कि उसे गौरवपूर्ण स्थान भी दिलाया।
इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, लोकसभा सांसद श्री राधेश्याम राठिया और अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।