छत्तीसगढ़

सरकारी राशन दुकान संचालकों का बड़ा ऐलान, 1 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल और मुख्यमंत्री निवास का घेराव!

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का संचालन करने वाले शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालकों ने सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। लंबे समय से लंबित अपनी विभिन्न माँगों और मुख्य रूप से कमीशन में बढ़ोतरी की माँग को लेकर संचालकों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।

आंदोलन की रूपरेखा: हड़ताल और पदयात्रा

‘छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक/विक्रेता कल्याण संघ’ ने ज़ोरदार विरोध दर्ज कराने का फ़ैसला किया है।

1 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन बंद: पूरे प्रदेश की राशन दुकानें 1 अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेंगी।

5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास का घेराव: संघ के सदस्य 5 अक्टूबर को चारामा से राजधानी रायपुर तक लगभग 125 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे और मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे।

दुकान संचालकों की मुख्य 6-सूत्रीय माँगें

संघ का कहना है कि वे वर्षों से लगन और निष्ठा के साथ PDS का संचालन कर रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। उनकी प्रमुख माँगें निम्नलिखित हैं:

कमीशन बढ़ोतरी: वर्तमान में खाद्यान्न पर मिल रहे ₹90 और ₹30 प्रति क्विंटल के कमीशन को सीधे बढ़ाकर ₹300 प्रति क्विंटल किया जाए।

मासिक मानदेय: सेवा सहकारी समिति के विक्रेताओं को ₹30,000 मासिक मानदेय प्रदान किया जाए।

NFSA कमीशन का तत्काल भुगतान: वर्ष 2022 से लंबित बढ़े हुए NFSA कमीशन को तुरंत जारी किया जाए।

वितरण लागत की भरपाई: वितरण में होने वाले ख़र्चों (जैसे हैंडलिंग लॉस, वेंडिंग मशीन स्टैंपिंग फीस, ई-पॉस मशीन का संचालन और रखरखाव) की सरकार भरपाई करे।

वित्तीय प्रोत्साहन राशि: वित्तीय प्रोत्साहन राशि के भुगतान की गारंटी दी जाए।

व्यावहारिक समस्याओं का समाधान: राशन वितरण से जुड़ी जमीनी और व्यावहारिक समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए एक उचित नीति बनाई जाए।

सरकार पर लापरवाही का आरोप

संचालक संघ ने राज्य सरकार पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हैंडलिंग लॉस, मशीनों के रखरखाव और संचालन लागत जैसी बुनियादी समस्याओं को लगातार नज़रअंदाज़ किया गया है। इसके अलावा, बढ़ा हुआ NFSA कमीशन भी अब तक वितरित नहीं किया गया है, जिससे संचालकों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।

अपनी इन माँगो को लेकर, संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने ज़िले के कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है। संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी सभी माँगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक प्रदेश में राशन वितरण प्रणाली बाधित रहेगी।

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