एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल पर सरकार का कड़ा रुख, 16 सितंबर तक लौटने का अल्टीमेटम

रायपुर। अपनी 10 सूत्रीय मांगों, जिनमें नियमितीकरण की मांग प्रमुख है, को लेकर पिछले 28 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के कर्मचारियों के प्रति सरकार ने अब कड़ा रुख अपना लिया है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ) को एक पत्र जारी किया है, जिसमें हड़ताली कर्मचारियों को 16 सितंबर तक काम पर लौटने का आदेश दिया गया है।
जारी किए गए निर्देश में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि कर्मचारी तय समय सीमा तक अपनी ड्यूटी पर वापस नहीं लौटते हैं, तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा और उनके स्थान पर नई भर्तियां शुरू की जाएंगी।
नई भर्ती की तैयारी में सरकार
सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर कर्मचारी हड़ताल खत्म नहीं करते हैं, तो उनकी जगह पर तुरंत नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे लंबे समय से आंदोलन कर रहे कर्मचारियों की नौकरी पर अब सीधा खतरा मंडरा रहा है।
28वें दिन भी जारी है आंदोलन
हड़ताल के 28वें दिन भी कर्मचारियों का विरोध जारी है। राज्य के सभी 33 जिलों में, कर्मचारियों ने ‘इच्छा मृत्यु’ की अनुमति की मांग करते हुए राज्यपाल के नाम ज्ञापन तैयार किया है। आने वाले दिनों में वे रायपुर में एक बड़ी रैली निकालकर यह ज्ञापन राज्यपाल को सौंपने की तैयारी में हैं।
सरकार के बयानों से नाराज़गी
एक तरफ, स्वास्थ्य मंत्री ने कर्मचारियों की पांच मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है, लेकिन कर्मचारी इस पर लिखित गारंटी चाहते हैं। दूसरी ओर, पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल के उस बयान से कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है, जिसमें उन्होंने नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की बात कही थी।
















