गुरु श्री तेगबहादुर सिंह जी ने धर्म की रक्षा के लिए दी अपनी शहादत : मुख्यमंत्री साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर में गुरु तेगबहादुर सिंह जी की 350वीं शहादत शताब्दी के अवसर पर आयोजित एक नगर कीर्तन यात्रा में भाग लिया। यह कीर्तन यात्रा असम के गुरुद्वारा धुबरी साहिब से शुरू होकर लगभग 10,000 किलोमीटर का सफर तय करते हुए छत्तीसगढ़ पहुँची थी।
मुख्यमंत्री का संबोधन
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री श्री साय ने गुरु तेगबहादुर सिंह जी के सर्वोच्च बलिदान को याद किया, जो उन्होंने देश और धर्म की रक्षा के लिए दिया था। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ के लिए एक गौरवपूर्ण और सौभाग्यशाली क्षण बताया कि राज्य के लोगों को इस ऐतिहासिक यात्रा का स्वागत करने और उसमें शामिल होने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेककर छत्तीसगढ़वासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की। उन्होंने पंच प्यारों का भी सम्मान किया, जो पालकी की अगुवाई कर रहे थे। कार्यक्रम में उन्हें पवित्र सिरोपा और कृपाण भेंट की गई।
सिख धर्म के बलिदान
श्री साय ने गुरु तेगबहादुर की अदम्य वीरता की प्रशंसा की, जिन्होंने मुगलों के सामने झुकने के बजाय अपने धर्म के लिए प्राण न्योछावर कर दिए। उन्होंने दिल्ली के चांदनी चौक स्थित गुरुद्वारा शीशगंज साहिब को उनकी शहादत का अमर प्रतीक बताया।
मुख्यमंत्री ने सिख धर्म के दसवें गुरु, श्री गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों के बलिदान को भी याद किया, जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने साहिबजादों की बहादुरी को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ मनाने का फैसला किया है। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इस दिवस को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस कार्यक्रम में अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें विधायक श्री सुनील सोनी, सीएसआईडीसी के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत सिंह छाबड़ा, और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे। सिख धर्म के बड़ी संख्या में अनुयायी भी इस अवसर पर मौजूद थे।
















