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रिसर्च में सामने आई सच्चाई, ब्लड प्रेशर रोगियों के लिए रामबाण है ये उपाय

हेल्थ न्युज (एजेंसी)। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो चला है। वहीँ हाइपरटेंशन जिसे हाई ब्लड प्रेशर के रूप में भी जाना जाता है, यह शरीर के लिए कई गंभीर दुष्प्रभावों का कारण बन सकती है। इससे सिर्फ हृदय रोगों का ही नहीं, किडनी डैमेज होने, आंखों और तंत्रिकाओं के साथ ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। यही कारण है कि सभी लोगों को अपने आहार और दिनचर्या को इस प्रकार रखने की सलाह दी जाती है जो ब्लड प्रेशर को कम करने में लाभकारी हो सके।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना आसान हो सकता है, अगर पर सांस लेने वाले अभ्यास करना शुरू कर दें। गहरी सांस/ डीप ब्रीदिंग अभ्यास न सिर्फ आपके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करती है साथ ही इससे स्ट्रेस-एंग्जाइटी जैसी मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को कम करने में भी लाभ हो सकता है।

शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान पाया कि जिन प्रतिभागियों ने रोजाना डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज किए उनमें एक महीने के भीतर ही ब्लड प्रेशर में विशेष सुधार देखा गया, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है।

डीप ब्रीदिंग से कम होता है ब्लड प्रेशर

डीप ब्रीदिंग के ये अभ्यास हमारी सेहत के लिए किस प्रकार से लाभकारी हो सकते हैं, इसे समझने के लिए अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो के शोधकर्ताओं ने पाया कि रोजाना बस पांच मिनट के गहरी सांस लेने वाले अभ्यास से, कई व्यायाम की तुलना में ब्लड प्रेशर को बेहतर तरीके से कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि हाई-रेज़िस्टेंस इंस्पिरेटरी मसल स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (आईएमएसटी) अभ्यास ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करके हृदय रोगों के जोखिमों को कम करने में विशेष भूमिका निभा सकता है। आईएमएसटी एक डिवाइस है जो गहरी सांस लेने में मदद करती है। आईएमएसटी या खुद से गहरी सांस लेना दोनों एक ही प्रकार के लाभ वाले हैं।

छह सप्ताह में दिखे विशेष लाभ

अगर आप रोजाना पांच मिनट भी गहरी सांस वाले अभ्यास करते हैं तो इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में आ सकता है। अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने हाई सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (120 मिलीमीटर या अधिक) वाले 50-79 वर्ष की आयु के 36 प्रतिभागियों को शामिल किया। आधे लोगों ने छह सप्ताह तक आईएमएसटी, जबकि आधे लोगों ने सामान्य अभ्यास किए।

जब छह सप्ताह के बाद मूल्यांकन किया गया तो पता चला कि आईएमएसटी समूह वाले लोगों के सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में औसतन नौ प्वाइंट्स की कमी आई। यह आमतौर पर सप्ताह में पांच दिन 30 मिनट के व्यायाम की तरह की प्रभावी पाई गई।

क्या कहते हैं शोधकर्ता?

विश्वविद्यालय में इंटीग्रेटिव फिजियोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर और शोध के मुख्य लेखक डेनियल क्रेगहेड कहते हैं, हमने पाया कि डीप ब्रीदिंग अभ्यास न केवल पारंपरिक व्यायामों की तुलना में अधिक प्रभावी है बल्कि लंबे समय इसके लाभ बने रह सकते हैं। प्रतिभागियों के नाइट्रिक ऑक्साइड का स्तर में भी सुधार देखा गया जो धमनियों को स्वस्थ और खुला रखने में मदद करती है और दुर्भाग्यवश उम्र के साथ स्वाभाविक रूप से यह कम होती जाती है।

गहरी सांस वाले अभ्यास कई प्रकार से लाभकारी

शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष में पाया कि छह सप्ताह तक आईएमएसटी का अभ्यास करने वालों में इंफ्लामेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के मार्कर भी कम हुए, जो दिल के दौरे के खतरे को भी बढ़ा सकते हैं। यह आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ावा देती है। गहरी सांस वाले अभ्यास की आदत को मानसिक स्वास्थ्य विकारों जैसे स्ट्रेस-एंग्जाइटी के जोखिमों को कम करने और सक्रियता को बढ़ाने वाला भी पाया गया। वैज्ञानिकों की सलाह है कि सभी उम्र वालों को गहरी सांस लेने का अभ्यास जरूर करना चाहिए।

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