हिड़मा के आतंक का अंत, बस्तर में लौट रहा शांति का वसंत : सीएम साय

शीर्ष नक्सली लीडर का खात्मा: नक्सलवाद पर निर्णायक चोट
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा पर सुरक्षाबलों द्वारा किए गए सफल ऑपरेशन में माडवी हिड़मा (शीर्ष नक्सली लीडर और सीसी मेम्बर) सहित छह नक्सलियों के मारे जाने की ऐतिहासिक उपलब्धि पर सुरक्षाबलों के अदम्य साहस को सलाम किया है। उन्होंने इस घटना को नक्सलवाद के विरुद्ध संघर्ष में एक निर्णायक उपलब्धि करार दिया है।
बस्तर में हिंसा और दहशत के युग का समापन
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पष्ट किया कि हिड़मा कई वर्षों से बस्तर में रक्तपात, हिंसा और दहशत का प्रतीक था। उनका अंत केवल एक ऑपरेशन की सफलता नहीं, बल्कि ‘लाल आतंक’ पर एक गहरी चोट है। यह घटना क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।
शांति, विश्वास और विकास की नई धारा
मुख्यमंत्री श्री साय ने जोर देकर कहा कि पिछले कुछ महीनों में सैकड़ों नक्सलियों के आत्मसमर्पण, टॉप कैडर की गिरफ्तारियाँ, और लगातार सफल ऑपरेशन्स संकेत देते हैं कि नक्सलवाद अब अंतिम साँसें ले रहा है।
उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में उनकी सुशासन सरकार बस्तर में शांति, विश्वास और विकास की एक नई लहर ला रही है। नियद नेल्ला नार (पुनर्वास नीति), नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति, और नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना जैसे कदमों ने जनविश्वास को मजबूत किया है और बस्तर के हर गाँव में एक नया आत्मविश्वास भरा है।
मार्च 2026 तक भारत को नक्सलमुक्त करने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने यह विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र और राज्य की संयुक्त रणनीति के साथ, मार्च 2026 तक भारत पूर्ण रूप से नक्सलमुक्त होगा।
















