छत्तीसगढ़

गौवंश की मृत्यु पर हाईकोर्ट ने जताई चिंता, पशु चिकित्सा विभाग से मांगा जवाब

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर के बेलतरा और सुकलकारी इलाकों में गायों की लगातार हो रही मौतों के मामले का स्वयं संज्ञान लिया है। न्यायालय ने इसे जनहित याचिका (पीआईएल) के तौर पर दर्ज करते हुए राज्य प्रशासन और पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग से इस संबंध में पूरी रिपोर्ट मांगी है।

मानवीय संवेदनाओं पर आघात : हाईकोर्ट

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि समाचार रिपोर्टों में सामने आई स्थिति “प्रशासनिक अनदेखी का गंभीर उदाहरण” है और इस पर राज्य प्रशासन का तत्काल ध्यान जाना जरूरी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसे समय में जब राज्य सरकार गायों के संरक्षण के लिए योजनाएं चला रही है, तब इस तरह से गौवंश का मरना “मानवीय संवेदनाओं पर आघात” है।

कोर्ट ने पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग के प्रमुख सचिव को व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र (हलफनामा) दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 27 अक्टूबर 2025 को निर्धारित की गई है।

रेलवे कर्मचारियों को राहत: कनिष्ठ अभियंता से सीधा टेक्नीशियन ग्रेड 3 पदावनति गलत

बिलासपुर: हाईकोर्ट ने रेलवे के कर्मचारियों को एक महत्वपूर्ण राहत देते हुए उनकी विभागीय कार्रवाई की सज़ा में आंशिक परिवर्तन किया है। हाईकोर्ट ने यह निर्णय दिया है कि जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) के पद से सीधे सबसे निचले पद टेक्निशियन ग्रेड 3 पर पदावनति (डिमोशन) नियमों के विरुद्ध है। जस्टिस संजय अग्रवाल और जस्टिस राधा कृष्ण अग्रवाल की खंडपीठ ने कर्मचारियों को उनसे निचले पद, मास्टर क्राफ्ट मैन, पर डिमोट करने का निर्देश दिया है।

बिलासपुर के सीसीएस राव ने मूल रूप से टेक्नीशियन ग्रेड 3 के पद पर नौकरी शुरू की थी। वे प्रमोशन पाते हुए टेक्नीशियन ग्रेड 2, टेक्नीशियन ग्रेड 1, मास्टर क्राफ्ट मैन और अंततः जूनियर इंजीनियर इलेक्ट्रिकल के पद तक पहुंचे थे। उन पर 15 जुलाई 2013 से 16 जून 2013 तक बिना अनुमति ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के लिए आरोप पत्र (चार्ज शीट) जारी किया गया था। विभागीय जांच के बाद उन पर यह कार्रवाई की गई थी।

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