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आज एक उम्मीद और सोच है, यह इंडिया की सेंचुरी होगी : पीएम मोदी

नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि पिछले 10 साल से देश में आए परिवर्तनों ने भारत के नागरिकों में जोखिम लेने की कल्चर को नई ऊर्जा दी है। जनता का आत्मविश्वास बढ़ा है। सरकार ने जनता पर अपना खर्च बढ़ाया है और जनता की बचत भी कराई है।

पीएम मोदी ने हिंदुस्तान टाइम्स की लीडरशिप समिट में शनिवार को ‘प्रोग्रेस ऑफ द पीपल’ (लोगों की तरक्की) का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि भारत की जनता ने विकसित भारत बनाने के विराट लक्ष्य के लिए हमें अपने विश्वास की पूंजी सौंपी है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जमाने में गलत खबरों का भी प्रसार हुआ है। इस दौर में भी भारत के नागरिकों का विश्वास हम पर है। जब जनता का आत्मविश्वास बढ़ता है तो इसका अलग ही प्रभाव देश के विकास पर दिखता है। पुरानी सभ्यता से लेकर आज के विकसित देशों में जोखिम लेने का कल्चर कॉमन रहा है। बीते 10 सालों में देश में जो परिवर्तन आए हैं, उन्होंने भारत के नागरिकों में जोखिम लेने की कल्चर को फिर नई ऊर्जा दे दी है।

पीएम मोदी ने बताया कि सरकार ने पिछले 10 साल में गैस की किल्लत को खत्म कर दिया है। ऐसे ही मोबाइल फोन, रुपे कार्ड का उदाहरण है। पहले डेबिड, क्रेडिट कार्ड रखना लोगों को गर्व महसूस कराता है। आज गरीब की जेब में भी रुपे का क्रेडिट और डेबिट कार्ड मौजूद है। आज गरीब से गरीब इंसान ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करता है। वह यूपीआई का इस्तेमाल करता है। यह भी इन्वेस्टमेंट से एंप्लॉयमेंट और डेवलपमेंट से डिग्निटी का उदाहरण है।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज जिस ग्रोथ ट्रेजेक्टरी पर है, उसे समझने के लिए हमारी सरकार की एक और अप्रोच पर गौर करना जरूरी है। ये अप्रोच है- ‘स्पेंड बिग फॉर पीपल’, ‘सेव बिग फॉर पीपल’ यानी जनता पर ज्यादा खर्च और जनता के लिए ज्यादा बचत।

पीएम मोदी ने उदाहरण देते हुए कहा कि आज का हमारा कैपिटल एक्सपेंडिचर 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का है। यह रकम नए अस्पताल, सड़क, रेल, रिसर्च सुविधाओं पर खर्च की जा रही है। जनता पर खर्च बढ़ाने के साथ ही हम जनता का पैसा भी बचा रहे हैं। जैसे डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर से देश के साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये बचे हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज के चलते गरीबों के एक लाख करोड़ रुपये बचे हैं। जन औषधि केंद्र पर मिल रही सस्ती दवाओं से नागरिकों के 30,000 हजार करोड़ रुपये बचे हैं। उजाला स्कीम से लोगों के बिजली बिल में 20 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है।

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