फ्रेंडशिप डे आज, दोस्ती का रिश्ता होता है बेहद खास, इसलिए भूलकर भी न तोड़ें ये 4 वादे

न्युज डेस्क (एजेंसी)। दोस्ती का रिश्ता सबसे खास होता है। यूँ तो जन्म से ही एक बच्चे के साथ कई रिश्ते जुड़ जाते हैं। दादा-दादी, नाना नानी, माता पिता और भाई-बहन समेत परिवार के रूप में कई रिश्तों व्यक्ति के इर्द-गिर्द रहते हैं। लेकिन एक रिश्ता हमेशा आपके साथ खड़ा रहता है और आपकी हर छोटी बड़ी बात को समझता है, जिसे दोस्ती कहते हैं।
लगभग हर किसी के जीवन में कोई न कोई दोस्त होता ही है। इसी दोस्ती को सेलिब्रेट करने के लिए अगस्त महीने के पहले रविवार को मित्रता दिवस के नाम समर्पित किया जाता है। इस साल दोस्ती दिवस यानी फ्रेंडशिप डे 6 अगस्त को मनाया जा रहा है। अगर आपके जीवन में कोई दोस्त है, जिसकी दोस्ती को आप हमेशा संभालकर रखना चाहते हैं और नहीं चाहते कि दोस्ती में कभी कोई दरार आए, तो यहां कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं। दोस्ती के कुछ वादे हैं, जिन्हें कभी भूल से भी तोड़ना नहीं चाहिए।
दोस्त से झूठ न बोलें
दोस्ती विश्वास पर टिकी होती है। इसलिए दोस्ती का सबसे पहला नियम झूठ से दूरी है। दोस्त से कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। किसी से दोस्ती करते समय खुद से ये वादा करें कि दोस्ती के बीच कभी झूठ को नहीं आने देंगे। जब रिश्ते में झूठ बोला जाता है, तो दोस्ती खराब हो जाती है।
पैसों की दोस्ती से दूर रहें
दोस्ती के रिश्ता निस्वार्थ होना चाहिए। कभी भी दोस्त का फायदा न उठाएं। हो सकता है कि आपको आर्थिक मदद की जरूरत हो, लेकिन दोस्ती में पैसों को कभी न लाएं। क्योंकि जब आप अपनी जरूरतों के लिए दोस्त और उसके पैसों पर निर्भर होने लगते हैं, तो दोस्ती टूटने की कगार पर आ सकती है।
बातें न छुपाएं
दोस्तों से लोग अपने दिल की हर बात शेयर कर लेते हैं। लेकिन जब आप दोस्त से बातें छुपाने लगते हैं तो रिश्ते में दूरी आने लगती है। जैसे अपनी गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के बारे में बातें छुपाना। जब दोस्त को आपके बारे में किसी दूसरे से बातें पता चलती हैं तो दोस्ती में दूरी आने लगती है।
दोस्त की मदद करने से पीछे न हटें
दोस्ती का एक मतलब हर दुख सुख में साथ देना है। ऐसे में जब दोस्त को आपकी सबसे ज्यादा जरूरत हो, तो कभी मदद से पीछे न हटें। दोस्त से वादा करें कि उनकी हर परेशानी में संभव मदद करेंगे। इस वादे को निभाएं। हो सकता है कि दोस्त की मदद करने के लिए आपके पास पर्याप्त साधन न हों, लेकिन मानसिक तौर पर आप दोस्त को कमजोर और अकेला न पड़ने दें। आपकी साफ नियत दोस्ती को मजबूत बनाएगी और मदद के नाम पर दोस्त को इग्नोर करने पर दोस्ती खत्म होने की कराग पर आ जाएगी।