छत्तीसगढ़

श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाने राज्य सरकार की ठोस पहल : सुशील अग्रवाल

रायपुर। भारत सरकार द्वारा वर्तमान में अटल पेंशन योजना नही बल्कि श्रम योगी मानधन पेंशन योजना लागू है। इसमें 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष आयु के मजदूर ही शामिल हो सकते है और 18 वर्ष से 60 वर्ष तक 55 रूपये से 200 रूपयें तक उम्र अनुसार अंशदान जमा करने पर ही 60 वर्ष आयु पूर्ण करने पर पेंशन का लाभ मिलेगा, जबकि भूपेश बघेल जी के मंशाअनुरूप मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन सहायता योजना में पंजीकृत श्रमिक को कोई भी अंशदान देने की आवश्यकता नहीं है 10 वर्ष से यदि पंजीकृत है तो 60 वर्ष पश्चात् उसे प्रतिमाह 1500 रूपए जीवन पर्यन्त पेंशन मिलेगा।

भवन सन्निर्माण कर्मकार मण्डल अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल ने बताया कि यही नहीं हमने 60 वर्ष पूर्ण करने वाले ऐसे निर्माण श्रमिक जिनके पंजीयन को मात्र 3 वर्ष पूर्ण किया हो उन्हे मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना के तहत् 20 हजार अनुदान दिया जाता है, इसके अंतर्गत अब तक 1,486 श्रमिकों को 2 करोड़ 97 लाख 20 हजार रूपए वितरित किया गया है।

उन्होंने बताया कि पूर्व में कन्या विवाह योजना अंतर्गत श्रमिकों की पुत्री के विवाह हेतु 20 हजार रूपए दिया जाता था, जबकि महिला बाल विकास विभाग द्वारा कन्याओं के सामूहिक विवाह में प्रति कन्या 50 हजार रूपए दिया जाता है। इसलिये श्रमिकों की कन्या विवाह योजना को महिला एवं बाल विकास विभाग की योजना में शामिल कर दिया गया है तथा श्रम विभाग द्वारा निर्माण श्रमिकों की पुत्रियों के लिये मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना संचालित की जा रही है, जिसमें निर्माण श्रमिक की 02 पुत्रियों को स्वयं के विवाह शिक्षा या स्वयं के व्यवसाय हेतु 20 हजार रूपए अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना अंतर्गत अब तक 49 हजार 81 कन्याओं को 98 करोड़ 16 लाख 20 हजार रूपए की राशि वितरित की गई है।

छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना एवं मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 01 जनवरी 2019 से अब तक लगभग 3, 10, 128 आश्रित बच्चों को 64.71 करोड़ रूपए की राशि वितरित की गई है। यही नही बल्कि पंजीकृत निर्माण मजदूर के बच्चें यदि 01 वर्ष की डिग्री कोर्स हेतु विदेश में शिक्षा प्राप्त करने जाना चाहते है तो उनके बेहतर शिक्षा हेतु रूपये 50 लाख तक अनुदान दिये जाने का प्रावधान भी किया गया है।

आर.पी.एल योजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा अनुसूचित (इनपैनल्ड) संस्थानों को निविदा के माध्यम से प्रशिक्षण कार्य हेतु चयनित किया गया है। चयनित संस्थानों को 90 हजार श्रमिकों के कौशल प्रशिक्षण का लक्ष्य दिया गया था, लक्ष्य के विरूद्ध प्रशिक्षण में पास होने वाले लगभग 84 हजार श्रमिकों के लिये ही प्रशिक्षण शुल्क, मूल्यांकन शुल्क भुगतान मंडल द्वारा निविदा में चयनित संस्थानों को भारत सरकार, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय नई दिल्ली के जारी दिशा निर्देश के अनुरूप किया गया है। इसी प्रकार श्रमिकों को प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण कार्य में उपस्थित हुए अवधि का मानदेय राशि का भुगतान श्रमिकों के खाते में सीधे भेजी गयी है।

पूर्व में भाजपा सरकार के द्वारा निर्माण श्रमिकों को सायकल, औजार एवं सिलाई मशीन सामग्री वितरण किया गया जो कि नकली तथा गुणवत्ताहीन था जिसमें 30 से 40 प्रतिशत राशि का कमीशनखोरी किया जाता था।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों को सायकल, औजार एवं सिलाई मशीन, सुरक्षा उपकरण किट सामग्री उनके मनपंसद से कय करने सीएसआईडीसी द्वारा निर्धारित शासकीय दर के अनुरूप राशि सीधे निर्माण श्रमिक के खाते में डी.बी.टी के माध्यम से लाभांवित राशि दी जा रही है। जो कि पूर्ण रूप से पारदर्शित तथा उनके बेहतर कय के लिए लाभकारी है।

पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा निर्माण श्रमिक के मृत्यु होने पर राशि रू- 30 हजार को राज्य सरकार द्वारा बढ़ाकर सामान्य मृत्यु होने पर 01 लाख रूपए, दिव्यांगता पर 2 लाख 50 हजार रूपए एवं कार्यस्थल पर मृत्यु होने पर 5 लाख रूपए किया गया है, जिसमें अब तक 7,946 श्रमिकों को राशि 79.46 करोड़ रूपए दिया गया है।

पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा महिला निर्माण श्रमिकों को प्रसूति हितलाभ राशि 10 हजार रूपए को राज्य सरकार द्वारा बढाकर एकमुश्त बच्चे के जन्म के पश्चात् 20 हजार रूपए किया गया है। जिसमें अब तक लगभग 40 हजार श्रमिक लाभांवित हुए हैं।

नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के लाभांवित निर्माण श्रमिको को छात्रवृत्ति राशि के अतिरिक्त निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी योजना के तहत् उनके बच्चों को गणवेश एवं पुस्तक कॉपी पढने योग्य क्रय करने हेतु 1000 से 2000 रूपए तक सहायता राशि कक्षा 01 से 08 वी तक के बच्चो को अतिरिक्त दिया जा रहा है। वर्तमान मे प्रदेश के 4146 बच्चो को लाभ प्राप्त हो चुका है।

मेघावी छात्रवृत्ति योजना के तहत् विभिन्न प्रकार के व्यसायिक नवीन पाठ्यक्रम कृषि, मेडिकल, इंजीयरिंग, पालीटेक्नीक, सांइस तथा अन्य कोर्स को जोडा गया है जिसमें श्रमिक के पुत्र एवं पुत्रियों के बेहतर शिक्षा हेतु शैक्षणिक सहायता राशि की प्रतिपूर्ति हमारी सरकार द्वारा की जा रही है जिसमें लगभग 469 बच्चे इसका लाभ प्राप्त कर चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा महिला निर्माण श्रमिक को ई-रिक्शा अनुदान राशि 50 हजार रूपए को बढ़ाकर 01 लाख रूपए अनुदान किया गया है, जिसमे अब तक लगभग 450 महिला श्रमिकों को अनुदान दिया गया है।

पूर्ववर्ती सरकार में मंडल गठन 2008 से 2018 तक कोई आवास योजना संचालित नही थी जिसमें राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना प्रारंभ कर श्रमिकों को स्वयं के आवास निर्माण या निर्मित आवास कय करने पर एकमुश्त सहायता राशि 01 लाख रूपए दिया जा रहा है, वर्तमान में 533 निर्माण श्रमिकों को आवास सहायता योजना का लाभ प्राप्त हो चुका है।

सुशील सन्नी अग्रवाल ने कहा की हमारी सरकार के द्वारा निरंतर श्रमिको के बेहतर बनाने के उदेश्य से उनके आर्थिक सामाजिक एवं आश्रित परिवार जनों के कल्याण हेतु राशि सीधे डीबीटी द्वारा प्रदाय कर उनके जीवन को बेहतर बनाया जा रहा है।

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