छत्तीसगढ़

गरीबों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता : उप मुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर। उप मुख्यमंत्री अरुण साव और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल रविवार को बिलासपुर में आईएमए के 19वें राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में शामिल हुए। उप मुख्यमंत्री साव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। गरीबों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, यह हमारी प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बढ़ती बीमारियों के कारण डॉक्टरों की जरूरत बढ़ी है। ऐसे समय में डॉक्टरों की जिम्मेदारी भी बढ़ी है। उन्होंने आईएमए की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन चिकित्सा के क्षेत्र में जन कल्याण के लिए अच्छा काम कर रहा है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि हम प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को पूरा करने और आयुष्मान योजना के माध्यम से गरीबों को निःशुल्क इलाज मुहैया कराने के दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धरती के भगवान डॉक्टर ही होते हैं। राज्य शासन द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और डॉक्टरों के हित के लिए हर तरह का सहयोग दिया जाएगा।    

बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने कार्यक्रम में कहा कि डॉक्टरों के भरोसे किसी भी प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो सकता है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए सरकार तत्परता से काम कर रही है। छत्तीसगढ़ आईएमए के अध्यक्ष डॉ. विनोद तिवारी ने बताया कि कि दो दिवसीय सम्मेलन में  दूरस्थ क्षेत्रों में मरीजों के इलाज की योजना बनाई गई है। वनवासी कल्याण आश्रम जशपुर और आदिवासी क्षेत्रों में शिविर लगाकर मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा। जांजगीर जिले के कुष्ठ अस्पताल में महिलाओं के कैंसर और गंभीर रोगों की जांच शिविर लगाकर की जाएगी।

सम्मेलन में डॉक्टरों ने गंभीर मरीजों के इलाज को लेकर नई तकनीक की जानकारी दी। स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन में आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की गई। प्रदेश के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. स्मित श्रीवास्तव, डॉ. नितिन जुनेजा, डॉ. बद्री जायसवाल, डॉ. डी.आर. जायसवाल, डॉ. आर.एस. शर्मा, डॉ. अभिजीत राय, डॉ. ललित मखीजा, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. मनीष बुधिया, डॉ. अखिलेश, डॉ. हेमंत चटर्जी और डॉ. असलम आरिफ सहित प्रदेश भर के करीब 400 डॉक्टर सम्मेलन में शामिल हुए।

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