मध्यप्रदेश के इस जिले में बनेगा बिजली उपकरणों का हब, विक्रम उद्योगपुरी के विस्तार को मिली मंजूरी

भोपाल (एजेंसी)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मध्यप्रदेश को औद्योगिक विकास की दिशा में एक और अहम मंजूरी मिली है। नर्मदापुरम जिले के मोहासा-बाबई क्षेत्र में प्रथम चरण में 1034 एकड़ भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र के द्वितीय चरण की अनुमति प्रदान की है। इसमें से 750 एकड़ जमीन को विशेष रूप से विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण क्षेत्र के लिए आरक्षित किया गया है।
इस फैसले के तहत निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई रियायतें दी हैं। इसमें भूमि आवंटन प्रीमियम दर पर (25% पर), विकास शुल्क 20 समान वार्षिक किश्तों में, 100% स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की वापसी और पानी की दर मात्र 25 रुपये प्रति किलोलीटर करना शामिल है। सरकार का मानना है कि यह निर्णय हरित ऊर्जा उपकरणों के निर्माण में निवेश बढ़ाएगा, जिससे रोजगार के अवसरों में इजाफा होगा।
कैबिनेट ने डीएमआईसी विक्रम उद्योगपुरी उज्जैन के विस्तार को भी मंजूरी दी है, जिसके तहत 7 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इन गांवों में भूमि दरों की गणना बाजार मूल्य और 2025-26 की कलेक्टर गाइडलाइन के आधार पर की गई है। इसमें ग्राम नवरवर में 87.82 लाख/हेक्टेयर, मुंजाखेड़ी में 55 लाख/हेक्टेयर, गावड़ी, पिपलोदा द्वारकाधीश, कड़छा, चैनपुरा हंसखेड़ी, माधौपुर में 55 लाख/हेक्टेयर शामिल हैं। इस विस्तार पर आने वाली कुल लागत में 235.60 करोड़ की राशि का वहन राज्य सरकार और एमपीआईडीसी द्वारा 50-50% अनुपात में किया जाएगा।
कैबिनेट में चार विधेयकों को भी मंजूरी दी गई। इनमें जन विश्वास संशोधन विधेयक 2025, माध्यमस्थ अधिकरण संशोधन विधेयक, दुकान स्थापना अधिनियम संशोधन विधेयक, कारखाना अधिनियम संशोधन विधेयक पर चर्चा की गई। चर्चा के बाद सभी विधेयकों को मंजूरी दे दी गई। अब इन विधेयकों को विधानसभा में इसी सत्र में पेश किया जाएगा।