सीबीआई ने अनिल अंबानी और आरकॉम के परिसरों पर मारे छापे

नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और उसके प्रमोटर निदेशक अनिल अंबानी से जुड़े ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया है। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शिकायत के आधार पर की गई है। एसबीआई ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि इस धोखाधड़ी से उसे 2,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान हुआ है।
एसबीआई की शिकायत पर कार्रवाई
एसबीआई ने 13 जून को आरकॉम और उससे जुड़ी कंपनियों को धोखाधड़ी की श्रेणी में रखा था, जिसके बाद उसने सीबीआई से इस मामले की शिकायत की। बैंक ने यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन से जुड़े दिशा-निर्देशों और अपनी बोर्ड-अनुमोदित नीति के तहत उठाया।
पिछले महीने, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया था कि बैंक ने 24 जून 2025 को आरबीआई को इस धोखाधड़ी की सूचना दी थी और सीबीआई में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही थी।
बकाए और दिवालियापन की स्थिति
सूत्रों के अनुसार, एसबीआई का आरकॉम पर कुल 2,227.64 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है, जिसमें निधि-आधारित और 786.52 करोड़ रुपये की गैर-निधि-आधारित बैंक गारंटी शामिल है।
आरकॉम पहले से ही दिवालिया समाधान प्रक्रिया (आईबीसी) से गुजर रही है। इसकी समाधान योजना को लेनदारों की समिति ने मंजूरी दी थी और 6 मार्च 2020 को इसे नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी), मुंबई में दायर किया गया था।
इसके अलावा, एसबीआई ने अनिल अंबानी के खिलाफ भी व्यक्तिगत दिवालियापन कार्यवाही शुरू की है, जिसकी सुनवाई एनसीएलटी मुंबई में चल रही है।
कानूनी उलझनें और घटनाक्रम
इस मामले में कई कानूनी उतार-चढ़ाव आए हैं:
10 नवंबर 2020: एसबीआई ने आरकॉम और अनिल अंबानी के खातों को “धोखाधड़ी” घोषित किया।
5 जनवरी 2021: सीबीआई में शिकायत दर्ज की गई, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट के “यथास्थिति” आदेश के कारण इसे वापस लेना पड़ा।
2 सितंबर 2023: धोखाधड़ी का वर्गीकरण रद्द कर दिया गया, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार उधारकर्ताओं को अपना पक्ष रखने का मौका देना अनिवार्य था।
15 जुलाई 2024: आरबीआई के नए परिपत्र के बाद प्रक्रिया फिर से शुरू की गई और खाते को दोबारा “धोखाधड़ी” घोषित किया गया।
सीबीआई की पड़ताल जारी
सीबीआई ने अनिल अंबानी और आरकॉम से जुड़े परिसरों पर तलाशी के दौरान कई दस्तावेज़ और डिजिटल सबूत जब्त किए हैं। एजेंसी यह पता लगा रही है कि यह कथित धोखाधड़ी कैसे हुई और इसमें कौन-कौन शामिल था।