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देवशयनी एकादशी आज : व्रत रखने वाले इन बातों का रखें ध्यान

न्युज डेस्क (एजेंसी)। देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। चार महीनों तक भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं और इसीलिए 4 महीनों के इस समय को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है। देवशयनी एकादशी तिथि के दिन व्रत रखने से और पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन विष्णु पूजन का शुभ मुहूर्त कब रहेगा। साथ हम आपको बताएंगे पूजन विधि और व्रत के महत्व के बारे में। 

देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई को रखा जाएगा। हालांकि एकादशी तिथि 16 जुलाई की रात्रि 8 बजकर 32 मिनट से शुरू हो जाएगी और इसकी समाप्ति 17 जुलाई की रात्रि 9 बजकर 2 मिनट पर होगी। उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई को ही रखा जाएगा। आइए अब जान लेते हैं कि, इस दिन विष्णु पूजन के लिए शुभ-मुहूर्त कब-कब रहेंगे। 

देवशयनी एकादशी के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए देवशयनी एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त की जानकारी आपको होनी चाहिए। सही समयकाल में पूजन करने से शुभ फलों की प्राप्ति आपको होती है। आइए जान लेते हैं इस दिन के शुभ मुहूर्तों के बारे में- सुबह के समय पूजा का शुभ मुहूर्त 5 बजकर 32 मिनट से सवा सात बजे तक रहेगा। इसके बाद 7 बजकर 17 मिनट से 9 बजे तक भी आप पूजा आराधना कर सकते हैं। शाम के समय पूजा के लिए उत्तम मुहूर्त शाम 5 बजकर 35 मिनट से शुरू होगा और 7 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही दिन के वक्त अभिजीत मुहूर्त में भी आपको विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं। 

देवशयनी एकादशी पारण मुहूर्त 

जिन लोगों ने देवशयनी एकादशी के दिन व्रत रखा है उन्हें द्वादशी के दिन व्रत का पारण करना चाहिए। द्वादशी तिथि में सुबह के समय पारण करने से भगवान विष्णु की कृपा आप पर बरसती है। द्वादशी तिथि में पारण 18 जुलाई को सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 8 बजकर 18 मिनट के बीच किया जा सकता है। इस व्रत का पारण चावल की खीर या किसी फल को खाकर आप कर सकते हैं। माना जाता है कि आवला खाकर एकादशी व्रत का पारण करना अत्यंत शुभ फलदायी होता है। 

देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ ही आपके घर में धन-धान्य की भी कभी कमी नहीं रहती। विधि से पूजा करने वालों को विष्णु-लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

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