देश-विदेश

अंतर्राष्‍ट्रीय मंच पर भारत का महत्‍व बढ़ा है : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली(एजेंसी). रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पिछले नौ वर्षों में अंतर्राष्‍ट्रीय मंच पर भारत का महत्‍व बढ़ा है और विश्‍व में अब भारत की बात ध्‍यान से सुनी जाती है। 18 जून, 2023 को लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा के सफल उम्मीदवारों की एक सभा को संबोधित करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि विकसित भारत का विचार अब केवल स्‍वप्‍न नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रखर नेतृत्‍व में वास्‍तविकता में बदल रहा है।
राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि अब अमेरिका जैसी महाशक्ति भारत के प्रधानमंत्री का स्‍वागत करने के लिए लगन से तैयारी करती है और विदेशी मीडिया भारत की सफलता की गाथा के बारे में बात करता है।

राष्‍ट्र निर्माण में युवाओ की भूमिका बहुत महत्‍वपूर्ण
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्‍टिकोण के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा कि इस प्रकार के राष्‍ट्र निर्माण में युवा लोक सेवकों की भूमिका बहुत महत्‍वपूर्ण है।उन्होंने कहा, ‘आपके कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी है। आप ऐसे समय में सेवा करने जा रहे हैं जब देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। जब आप 2047 में अपना कार्यकाल समाप्त करेंगे, तो देश अपनी स्‍वाधीनता का 100 वां वर्ष मना रहा होगा। मैं चाहूंगा कि आप आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहें। हम सब मिलकर चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और भारत को एक विकसित राष्ट्र के मार्ग पर आगे ले जा सकते हैं’।

राजनाथ सिंह ने लोक सेवकों का आह्वान किया कि वे जन समुदाय की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं पर खरा उतरें और उनके साथ सक्रिय रूप से जुड़कर सरकार में लोगों का विश्वास अर्जित करें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यदि अगर नौकरशाह जन समुदाय के साथ सरलता से जुड़ते हैं तो लोकतंत्र में लोगों का विश्वास कई गुना बढ़ जाएगा।

राजनाथ सिंह ने इस बात को रेखांकित किया कि जैसे-जैसे समाज प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रहा है, सामंती व्यवस्था और मानसिकता कम होती जा रही है और ऐसे में जनता की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं पर खरा उतरना नौकरशाहों और नेताओं की क्षमता का मापदंड है। उन्होंने कहा कि “एक समय था जब समाज में अधिकार की संस्कृति हुआ करती थी, अब न्‍यायोचित संस्कृति अधिकार की संस्कृति से आगे निकल गई है क्योंकि जन समुदाय संचार के नए साधनों के साथ शिक्षित और अधिक जागरूक हो रहे हैं’।

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