
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत सरकार ने हाल ही में चीन की प्रमुख कंपनियों के अधिकारियों के लिए देश में आने के नियमों में ढील दी है। पिछले लगभग पाँच वर्षों से चीन से आने वाले व्यावसायिक अधिकारियों पर लगी रोक को अब हटा लिया गया है। इस निर्णय से वीवो, ओप्पो, शाओमी, बीवाईडी और हायर जैसी कंपनियों के चीनी अधिकारियों को भारत आने में आसानी होगी।
किन लोगों को मिलेगा वीज़ा?
रिपोर्ट्स के अनुसार, अब उन चीनी अधिकारियों को वीज़ा मिलने में आसानी होगी, जिनका काम तकनीकी से जुड़ा हुआ नहीं है। इनमें मैनेजमेंट, सेल्स, मार्केटिंग, फाइनेंस और HR जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले अधिकारी शामिल हैं।
इस बदलाव का स्वागत करते हुए, शाओमी इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि उनकी नेतृत्व टीम भारत आकर यहाँ के बाज़ार को और गहराई से समझना चाहती है। इस नियम से कंपनियों को अपनी भारतीय बाज़ार की रणनीति को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
कंपनियों पर क्या पड़ा था असर?
वीज़ा प्रतिबंधों के कारण पिछले कुछ सालों में वीवो इंडिया के जेरोम चेन, ओप्पो इंडिया के फिगो झांग और रियलमी इंडिया के माइकल गुओ जैसे कई वरिष्ठ अधिकारी भारत नहीं आ पाए थे। वे सभी चीन से ही अपनी कंपनियों का काम संभाल रहे थे।
कैरियर मीडिया और बीवाईडी इंडिया जैसी कंपनियों को भी अपने अधिकारियों के वीज़ा के लिए लंबे समय तक इंतज़ार करना पड़ा। बीवाईडी को तो वीज़ा न मिलने के कारण भारत के कंपनी कानून का पालन करने में भी दिक्कत हो रही थी, जिसके तहत एक डायरेक्टर को साल में कम से कम 182 दिन भारत में रहना ज़रूरी है।
वीज़ा न मिलने की वजह से कई चीनी कंपनियों ने अपने बोर्ड में भारतीय अधिकारियों को शामिल करना शुरू कर दिया था। दूसरी ओर, भारतीय मैन्युफैक्चरिंग कंपनियाँ जैसे डिक्सन टेक्नोलॉजी, एम्बर एंटरप्राइजेज और ईपैक ड्यूरेबल्स को अपने चीनी पार्टनर्स से मिलने के लिए बार-बार चीन जाना पड़ रहा था। एक भारतीय मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के प्रमुख के अनुसार, जब चीनी अधिकारी खुद भारत आकर कारखानों को देखते हैं, तो उन्हें यहाँ की क्षमता पर ज़्यादा भरोसा होता है, जिससे निर्णय प्रक्रिया तेज़ होती है।