नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, 88.17 मीटर का थ्रो करते हुए गोल्ड मेडल किया अपने नाम
दिल्ली (एजेंसी)। स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने भारत को खेलों में भी चांद पर पहुंचा दिया है। भारत की आन बान और शान कहे जाने वाला यह एथलीट जब क्वॉलिफाइंग में टॉप पर रहा तो हर किसी को उम्मीद थी कि पिछली बार की कसर इस बार पूरी होगी। हुआ भी यही। नीरज ने 88.17 मीटर का थ्रो करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
एथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप इतिहास में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय
इसके साथ ही उन्होंने इतिहास रच दिया। वह एथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप इतिहास में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय हैं, जबकि यह तीसरा मेडल है। इससे पहले उन्होंने सिल्वर जीता था, जबकि लॉन्ग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इवेंट का सिल्वर मेडल पाकिस्तान के नदीम और ब्रॉन्ज मेडल चेक रिपब्लिक के याकूब के नाम रहा।
नीरज चोपड़ा का पहला थ्रो रहा फाउल, दूसरे राउंड में ही लगा दिया गोल्डन थ्रो
तोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर भारत की छाती चौड़ी करने वाले नीरज ने शुरुआत हालांकि उम्मीद के मुताबिक नहीं की। उनका पहला थ्रो फाउल रहा, जबकि जर्मनी के जूलियन वेबर 85.79 मीटर थ्रो के साथ टॉप पर थे। नीरज ने जब दूसरा अटेम्प्ट लिया तो हर कोई देखते रह गया। भारतीय स्टार ने भाला फेंकने के बाद उसकी ओर देखा ही नहीं। मानो उन्हें पूरा भरोसा था कि यह थ्रो बेस्ट है। इस बार उन्होंने 88.17 मीटर का थ्रो किया था, जिसने उन्हें गोल्ड जितवाया।
पाकिस्तानी अरशद नदीम रहे दूसरे नंबर पर
दूसरी ओर, पाकिस्तानी थ्रोअर अरशद नदीम 87.82 मीटर (सीजन बेस्ट) के साथ दूसरे नंबर पर रहे। उन्होंने यह तीसरे अटेम्प्ट में आंकड़ा छुआ था। इसके साथ ही जूलियन नीचे खिसक गए क्योंकि 5वें राउंड में चेक रिपब्लिक के याकूब वेदलेच ने 86.67 मीटर का थ्रो किया था और वह तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे। अरशद ने आगे निकलने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह चौथे राउंड में 87.15 मीटर और छठे राउंड में 81.86 मीटर का ही थ्रो कर सके। उनका 5वां अटेम्प्ट फाउल रहा।
दूसरी ओर, भारत के अन्य दो एथलीट किशोर जेना ने 84.77 मीटर का बेस्ट थ्रो किया। वह 5वें और डीपी मनु 84.14 मीटर के साथ छठे नंबर पर रहे। यह पहला मौका था जब जैवलिन थ्रो के फाइनल के लिए भारत के 3 एथलीटों ने क्वॉलिफाइ किया था।