देश-विदेश

ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है : जनरल अनिल चौहान

नई दिल्ली (एजेंसी)। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। देश की सैन्य तैयारियों के पहलू पर उन्होंने कहा कि हमारी तैयारी का स्तर बहुत ऊंचा होना चाहिए। तैयारियां ऐसी हों जिसमें हम चौबीसों घंटे और 365 दिन मुस्तैद रहें। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित एक रक्षा संगोष्ठी के दौरान सीडीएस जनरल चौहान ने कहा कि युद्ध के उभरते परिदृश्य में, भविष्य के सैनिक को सूचना और तकनीक के साथ साथ युद्ध कौशल के ऐसे मिश्रण से लैस होना चाहिए जो वॉरियर की तरह हो। उन्होंने कहा कि सेना के लिए ‘शस्त्र’ (युद्ध) और ‘शास्त्र’ (ज्ञान) दोनों सीखना आवश्यक है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने आधुनिक युद्ध की बदलती रणनीतियों पर भी कई बाते कही। उन्होंने कहा कि आज की लड़ाइयां पारंपरिक सीमाओं में नहीं सिमटी हैं, बल्कि वे पारदर्शी, तीव्र, बहु-क्षेत्रीय और तकनीकी रूप से बेहद जटिल हो गई हैं। उन्होंने इसे तीसरी सैन्य क्रांति करार दिया और कहा कि आज का युद्ध केवल बंदूक और टैंक तक सीमित नहीं रह गया है।

युद्ध के तीन स्तरों में दक्षता जरूरी

सीडीएस चौहान के मुताबिक, आज के योद्धा को सामरिक, परिचालन और रणनीतिक स्तरों पर एक साथ दक्ष होना होगा। उन्हें थल, जल, वायु के साथ-साथ साइबर और कॉग्निटिव वॉरफेयर जैसे नए युद्धक्षेत्रों में भी सक्षम होना पड़ेगा। यह एक ऐसा युग है जहां एक ड्रोन हमला, साइबर अटैक, नैरेटिव वॉर और अंतरिक्ष में बाधा एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं।

‘कन्वर्जेंस वॉरफेयर’ का जिक्र

जनरल चौहान ने कन्वर्जेंस वॉरफेयर शब्द का प्रयोग करते हुए कहा कि आज काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक (यानि पारंपरिक और डिजिटल) युद्ध एक-दूसरे में घुलमिल रहे हैं। पहली और दूसरी पीढ़ी के युद्ध आज तीसरी पीढ़ी के साइबर और AI आधारित युद्ध के साथ सम्मिलित हो चुके हैं।

‘हाइब्रिड वॉरियर’ की परिकल्पना

सीडीएस ने आगे बताया कि ने कहा कि भविष्य में हमें ऐसे ‘हाइब्रिड वॉरियर’ की आवश्यकता होगी जो बॉर्डर पर लड़ सके, रेगिस्तान में रणनीति बना सके, शहरों में काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन चला सके, ड्रोन को निष्क्रिय कर सके, साइबर हमलों का जवाब दे सके और प्रभावशाली सूचना अभियान भी चला सके।

जनरल चौहान ने कहा कि अब हमें तीन तरह के योद्धाओं की ज़रूरत होगी टेक वॉरियर्स, इंफो वॉरियर्स और स्कॉलर वॉरियर्स। जहां टेक वॉरियर्स एआई और साइबर ताकत को इस्तेमाल कर पाएंगे, वहीं इंफो वॉरियर्स नैरेटिव्स को आकार देंगे और फर्जी सूचनाओं का मुकाबला करेंगे। स्कॉलर वॉरियर्स रणनीति और युद्ध विज्ञान की गहरी समझ के साथ निर्णय लेंगे। सीडीएस चौहान के अनुसार, आने वाले युद्धों में सैनिक को इन तीनों भूमिकाओं में दक्ष होना अनिवार्य होगा। यही आधुनिक युद्ध की नई परिभाषा है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button