आज का हिन्दू पंचांग

हिन्दू पंचांग
दिनांक – 21 अक्टूबर 2023
दिन – शनिवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास – आश्विन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – सप्तमी रात्रि 09:53 तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र – पूर्वाषाढ़ा रात्रि 07:54 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
योग – सुकर्मा रात्रि 12:37 तक तत्पश्चात धृति
राहु काल – सुबह 09:31 से 10:58 तक
सूर्योदय – 06:39
सूर्यास्त – 06:09
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:59 से 05:49 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:59 से 12:49 तक
व्रत पर्व विवरण – सरस्वती पूजन
विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
नवरात्रि विशेष
नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्री की पूजा की जाती है । ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं अर्थात इनकी पूजा से शनि के दुष्प्रभाव दूर होते हैं।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन कालरात्री माँ को गुड़ या इससे बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए ।
नवरात्री के आखिर तीन दिन (21, 22 एवं 23 अक्टूबर 2023)
यदि कोई पूरे नवरात्रि के उपवास-व्रत न कर सकता हो तो सप्तमी, अष्टमी और नवमी तीन दिन उपवास करके देवी की पूजा करने से वह सम्पूर्ण नवरात्रि के उपवास के फल को प्राप्त करता है । नीच कर्मों का त्याग करना चहिये नवरात्रि में । झूट , कपट, दुसरे की वस्तु हरना, दुसरे की चीज खाना, लेना… छोड़ देना चाहिए । अपने हक और पसीने का सात्विक फल आदि जो जरुरत हैं थोडा ले लिया । बाकी का जप, मौन और व्रत रखे , बहुत लाभ होता हैं ।
जीवन में उपयोगी नियम ( भाग – २)
11. अश्लील पुस्तक आदि न पढ़कर ज्ञानवर्धक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए ।
12. चोरी कभी न करो ।
13. किसी की भी वस्तु लें तो उसे सँभाल कर रखो । कार्य पूरा हो फिर तुरन्त ही वापिस दे दो ।
14. समय का महत्त्व समझो । व्यर्थ बातें, व्यर्थ काम में समय न गँवाओ । नियमित तथा समय पर काम करो ।
15. स्वावलंबी बनो । इससे मनोबल बढ़ता है ।
16. हमेशा सच बोलो । किसी की लालच या धमकी में आकर झूठ का आश्रय न लो ।
17. अपने से छोटे दुर्बल बालकों को अथवा किसी को भी कभी सताओ मत । हो सके उतनी सबकी मदद करो ।
18. अपने मन के गुलाम नहीं परन्तु मन के स्वामी बनो । तुच्छ इच्छाओं की पूर्ति के लिए कभी स्वार्थी न बनो ।
19. किसी का तिरस्कार, उपेक्षा, हँसी-मजाक कभी न करो । किसी की निंदा न करो और न सुनो ।
20. किसी भी व्यक्ति, परिस्थिति या मुश्किल से कभी न डरो परन्तु हिम्मत से उसका सामना करो ।
शनिवार के दिन विशेष प्रयोग
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
आर्थिक कष्ट निवारण हेतु
एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।