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पीएम मोदी ने भाजपा के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान का किया शुभारंभ

नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं। कार्यक्रम में साथ ही हरदीप सिंह पुरी, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव, शिवराज सिंह चौहान समेत कई केंद्रीय मंत्री, नेता और कार्यकर्ता मौजूद हैं।

10 करोड़ का आंकड़ा पार करेगा सदस्यता अभियान: नड्डा

इस मौके पर नड्डा ने कहा, “आपका जोश का देखकर, भारत की जनता का प्रधानमंत्री मोदी के प्रति प्यार और भाजपा के प्रति आस्था को देखकर मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस बार का सदस्यता अभियान भी 10 करोड़ का आंकड़ा पार करेगा।”  भाजपा प्रमुख ने कहा, हम सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री देश के प्रधानसेवक होने के नाते 140 करोड़ देशवासियों का नेतृत्व करने के लिए प्रशासन की बारीकियों में दिन-रात व्यस्त रहते हैं। लेकिन उसके बावजूद भी हम सबके लिए वो आदर्श हैं।

उन्होंने कहा, “जब अमित शाह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तो उस समय उन्होंने सदस्यता अभियान को प्राथमिकता दी थी। उन्होंने कहा था कि हम संगठन के रास्ते बदलेंगे, संगठन के तरीके बदलेंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जो कमल के निशान के साथ चलना चाहते हैं, उनका हम पार्टी में समावेश कर सकें।”
 
भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी: शाह

वहीं, इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा, “हमारी पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी तो है ही, साथ ही सभी राजनीतिक दलों में एक प्रकार से अनूठी पार्टी है। आज भारत के 1,500 से अधिक राजनीतिक दलों में कोई भी दल लोकतांत्रिक तरीके से विश्वास और खुलेपन के साथ हर 6 साल के बाद अपने सदस्यता अभियान को नहीं करता है। ऐसा केवल और केवल भाजपा ही करती है।” उन्होंने कहा, हमारी पार्टी में कार्यकर्ता महज सदस्यता का एक अंक नहीं, बल्कि हमारे यहां कार्यकर्ता एक जीवंत इकाई, विचारधारा का वाहक, कार्य-संस्कृति का पोषक है। वह हमारी सरकार और संगठन के बीच कड़ी का काम करते हैं, जो सरकार को हमेशा जनता के साथ जोड़कर रखते हैं।

चुनावी घोषणा पत्र में जो कहेंगे, वो करेंगे: राजनाथ सिंह


रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, इस सच्चाई को आज कोई नकार नहीं सकता कि नेताओं की कथनी और करनी में अंतर होने के कारण भारत की राजनीति और भारत के नेताओं पर से जनता का भरोसा कम हुआ है। भारत की राजनीति में इससे पहले नेताओं की कथनी और करनी में जो विश्वास का संकट पैदा हुआ था, उस विश्वसनीयता के संकट को किसी ने चुनौती के रूप में स्वीकार किया है, तो वो हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने किया है।

उन्होंने कहा, “2014 में जब मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने, उस समय मैं पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष था। जब हमारा चुनावी घोषणा पत्र बन रहा था, तो उस समय भी हमारे प्रधानमंत्री ने बार-बार ये कहा कि आप इस बात की सावधानी बरतिएगा कि चुनावी घोषणा पत्र में जो कुछ भी कहा जाए, उसका पालन हम कर सकें।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज सदस्यता अभियान का एक और दौर शुरू हो रहा है। भारतीय जनसंघ से लेकर अब तक हमने देश में एक नई राजनीतिक संस्कृति लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, जब तक जिस संगठन के जरिए या जिस राजनीतिक दल के जरिए देश की जनता सत्ता सौंपती है, वो ईकाई, वो संगठन और वो दल अघर लोकतांत्रिक मूल्यों को नहीं जीता है, उनमें आंतरिक लोकतंत्र निरतंतर नहीं पनपता है, तो स्थिति वैसी ही बनती है जो आज देश के कई दलों की हम देश रहे हैं।

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