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संस्कृत प्राचीन सभ्यता और उसकी मूल्य प्रणाली की संरक्षक रही : राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

तिरुपति (एजेंसी)। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि संस्कृत प्राचीन सभ्यता और उसकी मूल्य प्रणाली की संरक्षक रही है तथा संस्कृत के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है, क्योंकि इसकी संस्कृति का आधार संस्कृत ही है।

श्री खान ने साहित्य अकादेमी एवं राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति और संस्कृति फाउंडेशन मैसूर के संयुक्त तत्त्वावधान में तिरुपति में राष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन ‘संस्कृत समुन्मेषः’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की संस्कृति का आधार संस्कृत है। संस्कृत के बिना भारतीय संस्कृति की कल्पना भी संभव नहीं है। संस्कृत साहित्य में ही भारतीय संस्कृति और सभ्यता संरक्षित रही है।

सम्मेलन की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और मां सरस्वती के आवाह्न से हुई। श्री खान ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन से आम लोगों और विद्वानों के बीच जागरूकता आयेगी। उन्होंने संस्कृत विज्ञान प्रदर्शनी, पांडुलिपि गैलरी, वर्णमाला गैलरी और पुस्तक प्रदर्शनी आदि का अवलोकन भी किया।

उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति एन. गोपालस्वामी, संस्कृति मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और वित्त सलाहकार रंजना चोपड़ा, संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव उमा नंदूरी तथा तिरुमला तिरुपति देवस्थानम् के कार्यकारी अधिकारी ए.वी. धर्म रेड्डी उपस्थित रहे।

इस तीन दिवसीय इस सम्मेलन में आठ सत्रों में अष्टावधानम् , संस्कृत एवं योग, संस्कृत एवं भारतीय संगीत, संस्कृत एवं नृत्य एवं संस्कृत नाटकों पर विभिन्न सत्रों के अलावा कवि सम्मेलन, छात्रों का कथा वाचन, रामायण के सुंदरकांड पर केंद्रित सत्र होंगे एवं विभिन्न प्रस्तुतियाँ भी होंगी।सम्मेलन में संस्कृत के लगभग 60 प्रमुख लेखक एवं विद्वान सहभागिता कर रहे हैं।

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