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लोकसभा में जारी सांसदों का निलंबन, मंगलवार को 49 सदस्य बाहर

नई दिल्ली (एजेंसी)। दो दिन में 92 सांसदों को सस्पेंड किए जाने के बाद मंगलवार को एक बार फिर लोकसभा से 49 और सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया। इनमें कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, शशि थरूर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला से लेकर एनसीपी की सुप्रिया सुले और सपा की डिंपल यादव तक शामिल हैं। तख्तियों के साथ प्रदर्शन और सभापति के कथित अपमान के कारण ये कार्रवाई हुई है। इसी के साथ निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों की संख्या 141 पहुंच गई है। ये संसद के एक सत्र में निलंबित किए गए सांसदों का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

किन सांसदों का हुआ निलंबन?

वी वेंथिलिंगम, गुरजीत सिंह औजला, सुप्रिया सुले, सप्तगिरि उलाका, अदूर प्रकाश, अब्दुल समद समदानी, मनीष तिवारी, प्रद्युत बार्दोलोई, गिरधारी यादव, गीता कोड़ा, फ्रांसिस्को सारदिन्हा, जगत रक्षम, एसआर पार्तिविवन, फारुख अब्दुला, ज्योत्सना महंत, ए गणेश मूर्ति, माला राय, वेलूसामी, ए चंदकुमार, शशि थरूर, कार्ति चिदबंरम, सुदीप बंदोपाध्याय, डिंपल यादव, हसनैन मसूदी, दानिश अली, खदीदुल रहमान, राजीव रंजन सिंह, डीएनवी सेंथिल कुमार, संतोष कुमार, दुआल चंद्र गोस्वामी, रवनीत बिट्टू, दिनेश यादव, के सुधाकरन, मोहम्मद सादिक, एमके विष्णु प्रसाद, पीपी मोहम्मद फैजल, साजदा अहमद, जसवीर सिंह गिल, महाबली सिंह, अमोल कोल्हे, सुशील कुमार रिंकू, सुनील कुमार सिंह, एचटी हसन, एम धनुष कुमार, प्रतिभा सिंह, थोल थोलमावलम, चंद्रेश्वर प्रसाद, आलोक कुमार सुमन, दिलेश्वर कामत को मंगलवार को लोकसभा से निलंबित किया गया है।

निलंबन पर क्या बोले विपक्ष के नेता?

सांसदों के निलंबन पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “जिस तरह से इन्होंने विपक्ष के साथ बर्ताव किया है उस हिसाब से ये लोग किस मुंह से संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहेंगे। अगली बार अगर ये लोग आए तो संविधान खत्म हो जाएगा।” लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “यह संसद के अंदर अराजकता के अलावा कुछ नहीं है। उन्हें (भाजपा को) हमारे देश की संसदीय प्रणाली पर जरा भी भरोसा नहीं है।”

18 दिसंबर को लोकसभा और राज्यसभा से 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। इनमें लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, उपनेता गौरव गोगोई, सौगत रॉय, शताब्दी रॉय, कल्याण बनर्जी, टीआर बालू और दयानिधि मारन जैसे नाम शामिल थे। राज्यसभा से जयराम रमेश, रणदीप सिंह सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल और मनोज कुमार झा को निलंबित किया गया था। 78 में से 64 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित गया था।

दरअसल, विपक्ष के सासंद सुरक्षा चूक के मामले पर संसद में गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष का कहना है कि सदन में सुरक्षा संबंधी कोई भी घटना सचिवालय के दायरे में आती है, इसलिए सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “वे (विपक्षी सांसद) सदन में तख्तियां लाकर देश की जनता का अपमान कर रहे हैं। हाल के चुनावों में मिली हार के बाद वो हताश हैं।”

13 दिसंबर को 2 युवकों ने संसद में घुसपैठ की थी। इसके अगले दिन यानी 14 दिसंबर को हंगामे के बाद 13 लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद को निलंबित किया गया था। 18 दिसंबर को जब संसद की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने फिर से विरोध शुरू किया। इसके बाद लोकसभा के 33 और राज्यसभा के 45 सासंदों को निलंबित किया गया। आज 49 सांसदों के निलंबन के बाद कुल 141 सांसद निलंबित हो गए हैं।

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