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सलमान रुश्दी पर हमले के आरोपी ने अपने बचाव में कुछ भी कहने से किया इनकार

मेविले (एजेंसी)।  लेखक सलमान रुश्दी पर 2022 में चाकू से हमला करने के मामले के आरोपी ने अपने बचाव में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। इसके बाद उसके वकीलों ने बिना किसी गवाह को बुलाए अपनी दलीलें समाप्त कर दीं। जब ‘चौटाउक्वा काउंटी’ के न्यायाधीश डेविड फोले ने आरोपी हादी मतार (27) से पूछा कि क्या वह कटघरे में खड़े होकर कुछ कहना चाहता है, तो उसने कहा, ‘‘नहीं, मैं नहीं कहना चाहता।’’

सलमान रुश्दी ने दी गवाही 

इससे पहले, बृहस्पतिवार को अभियोजन ने फॉरेंसिक विशेषज्ञ को अपना अंतिम गवाह बताया और इस तरह गवाहों की सात दिनों तक चली गवाही की प्रक्रिया पूरी हो गई। इस दौरान स्वयं रुश्दी ने भी गवाही दी। मतार चौटाउक्वा संस्थान के पास रुश्दी पर हमले के आरोप में पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा काउंटी न्यायालय में मुकदमे का सामना कर रहा है। इस हमले में 77 वर्षीय रुश्दी की एक आंख की रोशनी चली गई और उन्हें कई गंभीर चोटें आई थीं। 

मतार ने लगाए फलस्तीन की मुक्ति के नारे

मतार को सुनवाई के लिए जब भी अदालत कक्ष में लाया गया तो उसने कई बार समाचार चैनलों के कैमरों के सामने ‘फलस्तीन की मुक्ति’ के नारे लगाए। मतार के खिलाफ बफेलो में भी एक अन्य मामले में सुनवाई जारी है। इस मामले में उस पर आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह की मदद के प्रयास के आरोप हैं।

सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला करने वाला शख्स हादी मतार

सलमान रुश्दी ने उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेस’ लिखा और यही वजह थी कि उनपर हमला हुआ। रुश्दी ने 1989 में यह उपन्यास लिखा था। इस उपन्यास के बाद ईरान के एक बड़े नेता ने ईशनिंदा के लिए रुश्दी की हत्या करने का फतवा जारी किया था, जिसके बाद सलमान रुश्दी को कई वर्षों तक छिपकर रहना पड़ा था। 33 साल के बाद 2022 में 24 साल का एक नौजवान इस तरह की हरकत करेगा यह किसी ने सोचा भी नहीं था। न्यूजर्सी के फेयरव्यू में रहने वाला हादी मतार उपन्यास के पब्लिश होने और फतवा जारी करने के वक्त पैदा तक नहीं हुआ था। 

मतार को ईरान ने दिया इनाम

बता दें कि, सलमान रुश्दी पर अमेरिका में हमला करने वाले हादी मातर को ईरान के एक फाउंडेशन ने इनाम भी दिया था। इस फाउंडेशन की ओर से कहा गया था कि वो मातर को एक हजार स्क्वायर मीटर खेती की जमीन दे रहे हैं। खास बात यह है कि इसका ऐलान ईरान के सरकारी टीवी पर किया गया था। फाउंडेशन ने यह भी कहा थी कि रुश्दी अब जिंदा लाश से कम नहीं रहा।

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