देश-विदेश

मीडिया के बहसों का स्तर दिन-ब-दिन स्तर गिरता जा रहा : अरुण मिश्रा

नई दिल्ली (एजेंसी)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि सोशल मीडिया और टीवी पर चर्चाओं के गिरते स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बहस में शामिल पक्षों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि असभ्य बहस और संवाद का युवा पीढ़ी पर बुरा असर न पड़े। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर और टीवी बहसों में अक्सर मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है जिससे व्यक्तियों की गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचती है।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने राजधानी में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 30वें स्थापना दिवस समारोह के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि आज के दौर में, पूरे देश की मीडिया के बहसों का स्तर दिन-ब-दिन स्तर गिरता जा रहा है, जो कि बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों की जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि युवा पीढ़ी पर असभ्य बहस और संवाद का बुरा प्रभाव न पड़े।

उन्होंने कहा कि पहले दौर की पत्रकारिता के उद्देश्य और आज की पत्रकारिता का उद्देश्य में काफी अंतर होता जा रहा है, जहां पत्रकारिता के शुरुआती दौर में निष्पक्षता के साथ जनता की आवाज, उनकी मांग को सरकार तक पहुंचाना था और सरकार द्वारा शुरू की गईं योजनाओं का लाभ के बारे में जनता को जागरूक करना था, वहीं आधुनिक पत्रकारिता में एक पक्ष में कड़े होकर एक-दूसरे की खामियां निकालना भर रह गया है।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने मतदान अधिकार की बात करते हुए कहा कि मानवाधिकार में मतदान करने और सरकार चुनने का अधिकार भी शामिल है। राज्य को हिंसा-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि नागरिक मौलिक लोकतांत्रिक अधिकारों का आनंद उठा सकें।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button