देश-विदेश

जब खतरे ग्लोबल हैं, तो उनसे निपटने का तरीका भी ग्लोबल होना चाहिए : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन 2023’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आज जब खतरे ग्लोबल हैं, तो उनसे निपटने का तरीका भी ग्लोबल होना चाहिए। साइबर आतंकवाद हो, मनी लॉन्ड्रिंग हो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो, विभिन्न मुद्दों पर सहयोग के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क तैयार करना सिर्फ किसी शासन या सरकार से जुड़ा मामला नहीं है। इसके लिए अलग-अलग देशों के कानूनी ढांचा को भी एक दूसरे से जुड़ना होगा

पीएम ने कहा अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन वसुधैव कुटुंबकम की भारत की भावना का प्रतीक बन गई है। किसी भी देश के निर्माण में वहां की कानूनी बिरादरी की बहुत बड़ी भूमिका होती है। भारत में वर्षों से न्यायतंत्र भारत की न्याय व्यवस्था के संरक्षक रहे हैं। आज यह सम्मेलन एक ऐसे समय में हो रहा है जब भारत कई ऐतिहासिक निर्णयों का साक्षी बना है। एक दिन पहले ही भारत की संसद ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का कानून पास किया है।

उन्होंने कहा कानूनी पेशेवरों के अनुभव ने आजाद भारत की नींव को मजबूत करने का काम किया है। आज भारत के प्रति विश्व का जो भरोसा बढ़ रहा है, उसमें भी भारत की न्याय व्यवस्था की बड़ी भूमिका है। कुछ ही दिन पहले G20 के ऐतिहासिक आयोजन में दुनिया ने हमारी प्रजातंत्र, जनसांख्यिकी और हमारी कूटनीति की झलक भी देखी। एक महीने पहले आज ही के दिन भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना था।

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