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आप देशप्रेमी नहीं देशद्रोही हो, मणिपुर में भारत माता की हत्या की : राहुल गांधी

नई दिल्ली (एजेंसी)। लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चल रही चर्चा पर कांग्रेस की तरफ से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने चर्चा की शुरुआत की है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव पर बोलना शुरू किया, सबसे पहले, मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं कि आपने मुझे (लोकसभा सदस्य के रूप में) बहाल किया।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा अध्यक्ष महोदय सबसे पहले मैं आपको मुझे लोकसभा के सांसद के रूप में बहाल करने के लिए धन्यवाद करना चाहता हूं। जब मैंने पिछली बार बात की थी तो शायद मैंने आपको परेशानी दी थी क्योंकि मैंने अडानी पर ध्यान केंद्रित किया था, शायद आपके वरिष्ठ नेता को दुख हुआ… उस दर्द का असर आप पर भी हुआ होगा। इसके लिए मैं आपसे माफी मांगता हूं लेकिन मैंने सच कहा। आज भाजपा के मेरे दोस्तों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज मेरा भाषण अडानी पर केंद्रित नहीं है

राहुल गाँधी ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा आप देशप्रेमी नहीं देशद्रोही हो आपने मणिपुर में भारत माता की हत्या की है। उन्होंने मणिपुर में भारत को मार डाला। न केवल मणिपुर बल्कि उन्होंने भारत को मार डाला। उनकी राजनीति ने मणिपुर को नहीं, बल्कि मणिपुर में भारत माता को मार डाला है। उन्होंने मणिपुर में भारत माता की हत्या कर दी है।

वहीं सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चर्चा के दौरान हस्तक्षेप भाषण के जरिए विरोधी दलों के आरोपों का जवाब देंगे।भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और स्मृति ईरानी भी सदन में भाषण दे सकती हैं।

सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा।

अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।

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