जनदर्शन में अद्भुत दृश्य : भिलाई के अंकुश देवांगन ने मुख्यमंत्री को भेंट की संगमरमर पर बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सूक्ष्म प्रतिमा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर के ५५ वर्षीय निवासी श्री अंकुश देवांगन ने अपनी असाधारण कलाकारी से एक बार फिर सभी को अचंभित कर दिया। आज जनदर्शन कार्यक्रम में, उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को एक विशेष उपहार भेंट किया। यह उपहार एक फ्रेम था, जिसके भीतर संगमरमर के एक छोटे से टुकड़े को अत्यंत बारीकी से तराशकर बनाई गई प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सूक्ष्म प्रतिमा लगी थी। इस फ्रेम के पीछे की तरफ, अयोध्या में नवनिर्मित श्री रामलला मंदिर की शानदार प्रतिकृति भी उकेरी गई थी। इस अद्भुत कलाकृति को देखकर मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री देवांगन की दिल खोलकर प्रशंसा की और उन्हें अपनी शुभकामनाएँ दीं।
माइक्रोस्कोपिक लेंस से दर्शन
इस सूक्ष्म प्रतिमा को ठीक से देखने के लिए फ्रेम में एक माइक्रोस्कोपिक लेंस (सूक्ष्मदर्शी लेंस) लगाया गया है। इस लेंस की सहायता से ही प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे के भाव, उनकी मुस्कान और उनके बालों की महीन रेखाएँ स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। संगमरमर के एक नगण्य से टुकड़े पर की गई श्री देवांगन की यह नक्काशी कला का एक अनूठा चमत्कार है।
45 वर्षों का कलात्मक सफर
भिलाई स्टील प्लांट में प्रशासनिक सहायक (एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट) के पद पर कार्यरत श्री अंकुश देवांगन का रुझान बचपन से ही छोटी वस्तुएँ बनाने और उनसे विशेष कलाकृतियाँ तैयार करने की ओर रहा है। मात्र १० वर्ष की आयु में उन्होंने लकड़ी का एक छोटा खिलौना बनाया था। समय के साथ, उन्होंने धातु ढलाई के सांचे, मिट्टी की मूर्तियाँ बनाईं और अंततः पत्थर पर सूक्ष्म कलाकारी (माइक्रो आर्ट) को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम चुना। पिछले ४५ वर्षों से, वह निरंतर इस सूक्ष्म कला की दुनिया में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं।
समर्पण और धैर्य का प्रतीक
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने फ्रेम को अपने हाथों में लिया और ध्यानपूर्वक उसका अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि, “यह रचना केवल एक कलाकृति नहीं है, बल्कि समर्पण और धैर्य का प्रतीक है। अंकुश जी ने जिस ख़ूबसूरती से प्रधानमंत्री जी के प्रति अपनी भावनाएँ व्यक्त की हैं, वह वास्तव में तारीफ़ के काबिल है।”
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उन्हें राज्य स्तर पर कला प्रदर्शनी आयोजित करने का प्रस्ताव भी दिया, और कहा कि ऐसे प्रतिभाशाली कलाकारों को प्रोत्साहित करना सरकार की अहम जिम्मेदारी है।
कलाकार का संदेश
देवांगन ने बताया कि लगभग आधे सेंटीमीटर आकार की इस प्रतिमा को बनाने में उन्हें करीब दो महीने का समय लगा। उनकी दिनचर्या दिन में नौकरी और रात में कला साधना के बीच बँटी रही। उन्होंने अपने इस कार्य का महत्व समझाते हुए कहा, “मोदी जी ने राम मंदिर का सपना साकार किया, इसलिए मैंने दोनों प्रतीकों को एक ही फ्रेम में स्थान दिया। यह मेरी तरफ से एक छोटा-सा भेंट है।”
मुख्यमंत्री कार्यालय के जनदर्शन में सामान्यतः लोग अपनी समस्याएँ लेकर आते हैं, लेकिन आज श्री अंकुश देवांगन अपनी अद्भुत कला लेकर आए और वहाँ उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस फ्रेम को अपने कार्यालय में एक विशेष और सम्मानित स्थान पर रखने का निर्णय लिया है।
अंकुश देवांगन का अगला लक्ष्य है—दुनिया की सबसे छोटी राम सेतु प्रतिकृति का निर्माण करना। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “जब तक मेरे हाथ चलते रहेंगे, मैं कुछ-न-कुछ नया बनाता रहूँगा।
















