रायपुर में रुक-रुककर हो रही बारिश

रायपुर। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने छत्तीसगढ़ में अपनी पकड़ बनाए रखी है, जिससे पूरे राज्य में रुक-रुककर बारिश हो रही है। बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण मौसम में यह बदलाव आया है। राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हुई है, जबकि कुछ जगहों पर तेज बारिश ने गर्मी से काफी राहत दिलाई है।
भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव और नारायणपुर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसका मतलब है कि इन इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा, सरगुजा, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और रायपुर समेत कुल 19 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है, जहाँ मध्यम से लेकर भारी बारिश होने की संभावना है।
आकाशीय बिजली का कहर
रायपुर के पास नवापारा क्षेत्र के पारागाँव में एक दुखद घटना सामने आई है, जहाँ बिजली गिरने से 27 बकरियों की मौत हो गई और 7 अन्य घायल हो गईं। यह हादसा तब हुआ जब वे महानदी के किनारे चर रही थीं। यह घटना आकाशीय बिजली से होने वाले खतरे को उजागर करती है।
बारिश के आंकड़े
पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश मैनपुर में दर्ज की गई, जहाँ 60 मिमी पानी गिरा। राज्य में अब तक औसत 1078.8 मिमी बारिश हो चुकी है। हालांकि, कुछ जिलों में स्थिति सामान्य से काफी अलग है। बेमेतरा में 495.1 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 51% कम है। वहीं, बलरामपुर में 1473.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य से 53% अधिक है।
बिजली क्यों चमकती है?
विशेषज्ञों का कहना है कि बादलों के अंदर मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के छोटे कण जब आपस में टकराते हैं या रगड़ खाते हैं, तो उनसे विद्युत आवेश (इलेक्ट्रिक चार्ज) पैदा होता है। जब दो विपरीत आवेश वाले बादल पास आते हैं, तो उनके बीच एक तीव्र विद्युत धारा प्रवाहित होती है, जिसे हम बिजली के रूप में देखते हैं। यह बिजली आमतौर पर बादलों के अंदर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी इसकी तीव्रता इतनी बढ़ जाती है कि यह जमीन तक पहुँच जाती है। अगर यह बिजली किसी पेड़, पानी या धातु जैसी चीज से टकराती है, तो जान-माल का नुकसान हो सकता है।