शरीर में आयरन की कमी : संकेत, कारण और आहार से उपचार

हेल्थ न्युज (एजेंसी)। भारत में गर्भवती महिलाओं में एनीमिया (खून की कमी) की दर लगभग 51% है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता है। केवल महिलाएं ही नहीं, किसी भी आयु या लिंग के व्यक्ति के लिए हीमोग्लोबिन के निम्न स्तर को नज़रअंदाज़ करना हानिकारक हो सकता है। हीमोग्लोबिन (रक्त में आयरन युक्त प्रोटीन) का मुख्य कार्य शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन पहुँचाना है। रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी को चिकित्सकीय भाषा में एनीमिया कहा जाता है। आयरन की कमी इसका एक प्रमुख कारण है। एनीमिया के कारण व्यक्ति को कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए, शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षणों, कारणों और उपचारों के बारे में जानते हैं।
हीमोग्लोबिन की कमी के मुख्य लक्षण
शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने पर निम्नलिखित संकेत मिल सकते हैं:
अत्यधिक थकान महसूस होना
त्वचा (स्किन) का पीला पड़ना
कमजोरी का अनुभव
दिल की धड़कन (हार्ट बीट) का तेज़ होना
सांस लेने में कठिनाई
लगातार सिरदर्द रहना
सीने में दर्द की शिकायत
महिलाओं में हीमोग्लोबिन कम होने के कारण
महिलाओं में रक्त की कमी (एनीमिया) के कुछ विशिष्ट कारण हो सकते हैं:
दैनिक आहार में आयरन की अपर्याप्त मात्रा।
गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान शरीर में रक्त की मांग बढ़ना।
मासिक धर्म (periods) के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव।
जंक फूड का अधिक सेवन और पोषक तत्वों से भरपूर आहार की कमी।
आयरन के अलावा विटामिन और कैल्शियम जैसे अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की कमी।
हीमोग्लोबिन की कमी दूर करने के लिए आहार
यदि आपको हीमोग्लोबिन की कमी की शिकायत है, तो अपने दैनिक भोजन में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ाएँ। आप अपने आहार में मांस, मछली, सोयाबीन, टोफू, अंडे, मेवे (नट्स), ब्रोकोली, हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, चुकंदर (बीट्स) और गाजर को ज़रूर शामिल करें।
इसके साथ ही, आयरन के अवशोषण को बढ़ाने के लिए विटामिन सी भी ज़रूरी है। विटामिन सी की पूर्ति के लिए अंगूर, नींबू, संतरा, आम, कीवी जैसे खट्टे फलों का सेवन करें।
आयरन और विटामिन सी के अलावा, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के सप्लीमेंट (चिकित्सक की सलाह पर) भी लें। गहरे रंग की चॉकलेट भी फायदेमंद हो सकती है। यदि आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी बहुत अधिक है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
नोट: ऊपर दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान और सुझावों पर आधारित है। इसे किसी पेशेवर डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें। कोई भी स्वास्थ्य संबंधी सवाल या परेशानी होने पर हमेशा किसी योग्य डॉक्टर से परामर्श लें।
















