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इस्राइल-हमास संघर्ष का विराम : ट्रंप की पहल पर शांति समझौता लागू

यरूशलम (एजेंसी)। पश्चिमी एशिया में पिछले दो वर्षों से जारी रक्तपात भरा टकराव अब शांत हो गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना के तहत, इस्राइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे से प्रभावी हो गया। इस्राइल की सेना ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके सैनिक अब अपने निर्धारित स्थानों पर वापस लौट रहे हैं।

इस्राइली कैबिनेट ने इस समझौते को हरी झंडी दे दी है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि बंधकों की रिहाई के लिए सहमति बन गई है। एक इस्राइली सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, गाजा पट्टी के लगभग 50% हिस्से पर इस्राइल का नियंत्रण बना रहेगा, जबकि शेष क्षेत्र मानवीय सहायता और पुनर्निर्माण गतिविधियों के लिए उपयोग किए जाएंगे।

युद्धविराम समझौते की मुख्य शर्तें

इस ऐतिहासिक समझौते के तहत प्रमुख निर्णय लिए गए हैं:

इस्राइल 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा, जिनमें सभी महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

मिस्र के साथ गाजा की सीमा को खोल दिया जाएगा, जिससे मानवीय सहायता गाजा तक पहुंचाई जा सकेगी।

अमेरिका 200 सैनिकों की एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक टीम को इस्राइल भेजेगा।

इस्राइली सेना गाजा से चरणबद्ध तरीके से पीछे हटेगी।

हमास के वरिष्ठ नेता खलील अल-हय्या ने इस समझौते पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, “हमने यह समझौता अपने लोगों के खिलाफ जंग को खत्म करने के लिए किया है।”

दो साल के संघर्ष के बाद राहत

वर्ष 2023 से शुरू हुए इस संघर्ष में अब तक 67,000 से अधिक लोगों की मौत होने और लाखों लोगों के विस्थापित होने की खबरें हैं। गाजा में गंभीर भुखमरी और मानवीय संकट उत्पन्न हो गया था। संयुक्त राष्ट्र और कई देशों की लगातार कोशिशों के बावजूद संघर्ष जारी रहा, लेकिन ट्रंप की मध्यस्थता ने इस महत्वपूर्ण समझौते को संभव बना दिया।

वैश्विक नेताओं की प्रतिक्रिया

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को टेलीफोन पर बधाई दी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि “दुनिया में आतंकवाद किसी भी रूप में अस्वीकार्य है, और यह शांति समझौता वैश्विक स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

गाजा के लिए नई आशा

लगातार बमबारी, बिजली और पानी की गंभीर कमी से जूझ रहे गाजा के निवासियों के लिए, यह समझौता एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। अब अंतर्राष्ट्रीय सहायता एजेंसियां क्षेत्र में राहत और पुनर्निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी में हैं।

दो वर्षों से अशांत रहे पश्चिमी एशिया को आखिरकार चैन की सांस मिली है — ट्रंप की मध्यस्थता से ‘शांति’ की पहली किरण दिखाई दी है।

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