आने वाली पीढ़ियों के लिए ओजोन परत का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी : मंत्री ओ.पी. चौधरी

रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय ओज़ोन परत संरक्षण दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने राजधानी रायपुर के सिविल लाइंस स्थित नवीन विश्राम गृह में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में पोस्टर और इन्वायरोथॉन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के वित्त, वाणिज्य कर, आवास एवं पर्यावरण तथा योजना एवं सांख्यिकी विभाग के मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी मौजूद रहे।
पर्यावरण संरक्षण: एक सामूहिक जिम्मेदारी
मंत्री श्री चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि ओज़ोन परत का संरक्षण केवल पर्यावरण की रक्षा नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य और सुरक्षित भविष्य के लिए भी बहुत ज़रूरी है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पर्यावरण सभी के लिए समान है—चाहे कोई अमीर हो या गरीब, विद्वान हो या साधारण—और इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हम सब की है।
उन्होंने भारतीय परंपराओं का ज़िक्र करते हुए बताया कि हमारी संस्कृति में विकास और पर्यावरण संरक्षण हमेशा से साथ-साथ चलते रहे हैं। पीपल, आंवला नवमी, और गोवर्धन पूजा जैसी परंपराएं इसी बात का प्रमाण हैं। उन्होंने पश्चिमी देशों के विकास मॉडल की आलोचना करते हुए कहा कि उनका मॉडल केवल संसाधनों के अंधाधुंध दोहन पर आधारित है, जो लंबे समय तक टिकाऊ नहीं है। अब सतत विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) की आवश्यकता है ताकि जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना किया जा सके। मंत्री ने सभी से ओज़ोन परत को नुकसान पहुँचाने वाले पदार्थों और उनसे बने उपकरणों का उपयोग न करने की अपील की।
शिक्षा क्षेत्र में नई पहल
मंत्री श्री चौधरी ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में हो रही प्रगति के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि अब छत्तीसगढ़ शिक्षा में अग्रणी राज्य बनने जा रहा है। नया रायपुर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) और राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के कैंपस खुल रहे हैं। इन संस्थानों की स्थापना से प्रदेश के छात्रों को अपने ही राज्य में राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और शोध के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (निलेट) का एक स्थायी केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज केवल डिग्री पर्याप्त नहीं है, बल्कि बच्चों को तकनीक और कौशल पर भी ध्यान देना चाहिए। मंत्री ने अजीज प्रेमजी स्कॉलरशिप योजना का भी उल्लेख किया, जिसके तहत सरकारी स्कूलों से 10वीं और 12वीं पास करने वाले ज़रूरतमंद छात्रों को हर साल 30,000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी।
पुरस्कार राशि में वृद्धि की घोषणा
कार्यक्रम के अंत में मंत्री श्री चौधरी ने पोस्टर और इन्वायरोथॉन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। इस दौरान उन्होंने विजेताओं की पुरस्कार राशि को इस वर्ष दोगुना और अगले वर्ष तीन गुना करने की घोषणा की। उन्होंने सभी स्कूली और कॉलेज के छात्रों को ओज़ोन परत के संरक्षण की शपथ भी दिलाई।
प्रतियोगिता के परिणाम:
पोस्टर प्रतियोगिता (विषय: ‘जलवायु परिवर्तन के कारण और समाधान’ और ‘ओज़ोन परत संरक्षण – मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल’) में 550 बच्चों ने भाग लिया।
12-17 वर्ष वर्ग: कु. नेहा कोसले (बी.पी. पुजारी स्कूल)
18-22 वर्ष वर्ग: श्री रोहित कुमार साहू (शास. नागार्जुन विज्ञान महाविद्यालय)
दिव्यांग वर्ग: श्री अनमोल पटले (शा. दिव्यांग महाविद्यालय, माना)
इन्वायरोथॉन प्रतियोगिता (विषय: ‘वेस्ट टू वेल्थ’) में 350 बच्चों ने भाग लिया।
12वीं तक वर्ग: श्री स्वर्णिम कुंज (राज कुमार कॉलेज)
स्नातक वर्ग: कु. अनुष्का एक्का (आईआईआईटी नवा रायपुर)
स्नातकोत्तर वर्ग: श्री निखिल कसेर (गुरु घासीदास विश्वविद्यालय)
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के सदस्य सचिव श्री राजिव अगसिमनि सहित बड़ी संख्या में छात्र, अभिभावक, शिक्षक और सरकारी अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
















