करमा महोत्सव : हमारी प्राचीन और गौरवशाली परंपरा का प्रतीक : मुख्यमंत्री साय

जशपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले के ग्राम कण्डोरा में अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद, छत्तीसगढ़ प्रांतीय शाखा द्वारा आयोजित महासम्मेलन (सोहरई करमा महोत्सव 2025) में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कुनकुरी में 20 लाख रुपए की लागत से बने रौतिया समाज के सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया। इसके साथ ही, उन्होंने ग्राम पंचायत कण्डोरा में 50 लाख रुपए की लागत से बनने वाले रौतिया भवन निर्माण का भूमिपूजन भी किया।
मुख्यमंत्री ने की विकास कार्यों की घोषणाएँ
मुख्यमंत्री श्री साय ने रौतिया समाज की माँग को पूरा करते हुए ग्राम कण्डोरा में करमा अखरा के निर्माण के लिए 50 लाख रुपए तथा रायपुर में रौतिया भवन तक पहुँच मार्ग के लिए 25 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने मंच पर रौतिया समाज के वीर शहीद बख्तर साय और मुण्डल सिंह के चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
करमा महोत्सव सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ता है
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि करमा महोत्सव हमारी प्राचीन और गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है, जिसे सभी समुदाय मिलकर मनाते हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि यह पर्व हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ता है और प्रकृति के प्रति आदर एवं सम्मान का भाव भी सिखाता है। उन्होंने एकादशी करमा और दशहरा करमा जैसी परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ये उत्सव समाज को एकजुटता के सूत्र में बाँधने का काम करते हैं।
राज्य सरकार की प्रमुख गारंटियाँ
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों को तेज़ी से लागू कर रही है। सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख आवासों को मंज़ूरी दी गई। महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु महतारी वंदन योजना के माध्यम से महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपए की सहायता दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि तेंदूपत्ता संग्राहकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रति मानक बोरा दर को 5500 रुपए कर दिया है।
विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प और नक्सल उन्मूलन
मुख्यमंत्री श्री साय ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत की तर्ज पर विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने लोगों से ‘वोकल फॉर लोकल’ को अपनाने का आह्वान किया, जिससे स्वदेशी वस्तुओं की खरीद से न केवल देश की अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नक्सल उन्मूलन की दिशा में भी तेज़ी से कार्य कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप हाल ही में 210 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की है।
स्वास्थ्य और शिक्षा विस्तार की योजनाएँ
मुख्यमंत्री श्री साय ने घोषणा की कि ज़िले में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए मेडिकल कॉलेज, प्राकृतिक चिकित्सा एवं फिजियोथेरेपी केंद्र, शासकीय नर्सिंग कॉलेज तथा शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना की जाएगी। इससे स्थानीय युवाओं के लिए शिक्षा और रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने किया पारंपरिक करमा नृत्य
कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री श्री साय ने माध्यमिक विद्यालय खेल मैदान स्थित आमा बगीचा के करमा पूजन स्थल पर करम वृक्ष की डाली की पारंपरिक रीति से पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इसके उपरांत उन्होंने करमा नर्तक दल के साथ अपने गले में मांदर टाँगकर उत्साह के साथ करम वृक्ष की डाली के चारों ओर नृत्य भी किया। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय और परिवारजन भी उपस्थित थे।
सोहरई करमा महोत्सव: रौतिया समाज की सांस्कृतिक पहचान
सोहरई करमा महोत्सव मूल रूप से रौतिया समाज द्वारा गोवर्धन पर्व के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला पारंपरिक त्योहार है। इस दिन नई फसल को विधि-विधान से पूजा कर घर लाया जाता है। कण्डोरा में आयोजित इस विशाल आयोजन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न ज़िलों के अलावा झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से आए कुल 52 मंडलों के नर्तक दलों ने भाग लिया। विविध लोक संस्कृतियों और पारंपरिक नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को उल्लास और उत्सव से भर दिया।
इस अवसर पर सांसद श्री राधेश्याम राठिया, अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ओ. पी. साय सहित समाज के कई अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।
















