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राज्य में संपत्ति मूल्यांकन दरों और प्रावधानों के संशोधन पर केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड के मुख्य निर्णय

रायपुर। राज्य में संपत्ति के गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण से संबंधित प्राप्त हुए सुझावों, ज्ञापनों और प्रस्तावों की गहन समीक्षा के बाद केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के नगरीय विकास, रियल एस्टेट क्षेत्र और सामान्य नागरिकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।

भूखंडों के मूल्यांकन में सरलता

नगरीय क्षेत्रों में 1400 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए अब तक उपयोग की जा रही इंक्रीमेंटल आधार पर गणना की पुरानी पद्धति को समाप्त कर दिया गया है।

इसके स्थान पर, अब पहले से प्रचलित प्रावधानों को फिर से लागू किया जाएगा। इन प्रावधानों के तहत, मूल्यांकन अब स्लैब दर पर किया जाएगा, जिसकी सीमाएं इस प्रकार हैं:

नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल तक।

नगर पालिका में 37.5 डेसिमल तक।

नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक।

इस परिवर्तन से मूल्यांकन प्रक्रिया सरल बनेगी और साथ ही पारदर्शिता में भी बढ़ोतरी होगी।

बहुमंजिला इमारतों में मूल्यांकन का आधार

बहुमंजिला भवनों (मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग्स) में फ्लैट, दुकान और कार्यालय के ट्रांसफर पर, अब तक सुपर बिल्ट-अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य की गणना का जो नियम था, उसे हटा दिया गया है।

अब मूल्यांकन बिल्ट-अप एरिया के आधार पर ही किया जाएगा।

यह प्रावधान काफी समय से लागू था और इसे बदलने की माँग लंबे समय से चल रही थी। यह नया नियम वर्टिकल डेवलपमेंट (ऊर्ध्वाधर विकास) को प्रोत्साहन देगा और शहरी भूमि का अधिक प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करेगा।

बहुमंजिला और वाणिज्यिक परिसरों में छूट

केंद्रीय बोर्ड ने बहुमंजिला भवनों और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के मूल्यांकन में छूट के नए प्रावधान पेश किए हैं:

बेसमेंट और प्रथम तल (ग्राउंड फ्लोर) पर मूल्यांकन में 10 प्रतिशत की कमी की जाएगी।

द्वितीय तल और उससे ऊपर के तलों पर मूल्यांकन में 20 प्रतिशत की कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा।

इस निर्णय से मध्यम आय वर्ग के लोगों को किफायती दरों पर फ्लैट और व्यावसायिक स्थान प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

वाणिज्यिक परिसरों के लिए विशेष नियम

कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में वे संपत्तियाँ जो मुख्य मार्ग से 20 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित हैं, उनके लिए भूखंड की दरों का मूल्यांकन 25 प्रतिशत कमी के साथ किया जाएगा।

20 मीटर की दूरी का आकलन मुख्य मार्ग की ओर निर्मित हिस्से से किया जाएगा, जिससे मूल्यांकन अधिक वास्तविक और न्यायसंगत हो सके।

आगामी मूल्यांकन दरों पर निर्देश

केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने जिला मूल्यांकन समितियों को निर्देश दिया है कि वे हालिया दर वृद्धि के बाद मिली आपत्तियों, ज्ञापनों और सुझावों की जाँच करें।

समितियों को 31 दिसंबर तक गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण प्रस्ताव भेजने को कहा गया है।

इन प्रस्तावों के विश्लेषण के बाद बोर्ड आगामी गाइडलाइन दरों पर अंतिम निर्णय लेगा।

ये सभी निर्णय तुरंत लागू कर दिए गए हैं, जिसका उद्देश्य राज्य के रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता, पारदर्शिता और किफायती आवास की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।

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