छत्तीसगढ़ में बड़ा बदलाव : 200 नक्सलियों ने छोड़ा हथियार, मुख्यधारा में होंगे शामिल

रायपुर। छत्तीसगढ़ के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है, जहां नक्सलवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में बड़ी सफलता मिली है। आज, बस्तर क्षेत्र में 200 नक्सली अपने हथियार त्याग कर मुख्यधारा में शामिल होंगे। ये सभी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा की उपस्थिति में सरेंडर करेंगे।
200 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
आज जगदलपुर के रिजर्व पुलिस लाइन में, सुबह 11 बजे, नक्सली कमांडर रूपेश के नेतृत्व में 200 नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, गृहमंत्री विजय शर्मा और बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। यह राज्य में हुआ अब तक का सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर माना जा रहा है।
नक्सली नेता रूपेश की बात
नक्सली नेता टक्कापल्ली वासुदेव उर्फ रूपेश ने सरेंडर से पहले एक वीडियो जारी किया है। रूपेश ने स्पष्ट किया है कि यह आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि सशस्त्र संघर्ष को रोकने का निर्णय है। उन्होंने बताया कि उन्होंने सरकार के सामने कुछ मांगें रखी थीं, जिनमें से 3 प्रमुख मांगों को सरकार ने मान लिया है। रूपेश ने कहा कि सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जेल में बंद उनके साथियों को कानूनी प्रक्रिया के तहत बाहर निकालने में मदद की जाएगी, जिसके लिए वे स्वयं अपने साथियों से मुलाक़ात करेंगे।
गृहमंत्री अमित शाह का बयान
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस घटनाक्रम पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर, जो कभी नक्सलियों के गढ़ थे, अब आतंकवाद से मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ़ दक्षिणी बस्तर में ही कुछ नक्सली गतिविधियाँ बची हैं, जिन्हें सुरक्षा बल जल्द ही समाप्त कर देंगे।
गृहमंत्री शाह ने बताया कि जनवरी 2024 में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक (31 मार्च 2026 तक के आँकड़ों का ज़िक्र करते हुए):
2,100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
1,785 को गिरफ़्तार किया गया है।
477 का सफ़ाया किया गया है।
उन्होंने ज़ोर दिया कि ये आँकड़े 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से ख़त्म करने के सरकार के मज़बूत इरादे को दर्शाते हैं।
















