छत्तीसगढ़

मास्टर ट्रेनर केवल प्रशिक्षक ही नहीं बल्कि मार्गदर्शक और परिवर्तन के वाहक हैं : स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यों को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित एक महत्वपूर्ण राज्य स्तरीय मास्टर प्रशिक्षण कार्यशाला का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह प्रशिक्षण 8 सितंबर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के एपिडेमियोलॉजी ब्लॉक में चला। इस कार्यशाला में कुल 36 प्रतिभागी शामिल थे, जिनमें मितानिन कार्यक्रम के समन्वयक और विभिन्न जिलों के समन्वयक व एरिया कोऑर्डिनेटर शामिल थे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मितानिन कार्यक्रम को राज्य की रीढ़ की हड्डी बताया और कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम इसे और अधिक सशक्त बनाते हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम को एक सफल सामुदायिक स्वास्थ्य मॉडल के रूप में विश्व भर में मिली मान्यता की भी सराहना की।

मंत्री ने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार मितानिनों को प्रशिक्षण, मानदेय, आवश्यक उपकरण और डिजिटल सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मास्टर ट्रेनर सिर्फ प्रशिक्षक नहीं, बल्कि मार्गदर्शक और समाज में बदलाव लाने वाले भी हैं।

श्री जायसवाल ने यह भी बताया कि सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, पोषण और सामुदायिक सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि सशक्त मास्टर ट्रेनर ही समुदाय और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच की खाई को पाट सकते हैं, जिससे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने प्रतिभागियों से अपने अनुभवों को साझा करने और नवाचार अपनाने का आग्रह किया। उनके अनुसार, एक स्वस्थ छत्तीसगढ़ की शुरुआत उस मितानिन से होती है, जिसे आपने प्रशिक्षित किया है।

इस कार्यक्रम में आयुष यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. पी.के. पात्रा, एसआईएचएफडब्ल्यू के संचालक श्री सुरेश पाण्डेय, एसएसीएच के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सी.पी. राजेश्वरन और राज्य नोडल अधिकारी डॉ. अजय शंकर कन्नौजे भी उपस्थित थे।

यह प्रशिक्षण कार्यशाला स्टेट हेल्थ सिस्टम रिसर्च सेंटर (SHSRC) और सोसाइटी फॉर एक्शन फॉर कम्युनिटी हेल्थ (SACH) ने नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) और डीएचएस (DHS) के सहयोग से आयोजित की थी। इसमें डॉ. संजीव उपाध्याय और डॉ. हरीश जैसे विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को नई प्रशिक्षण पद्धतियों, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और कौशल विकास पर महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ऐसे मास्टर ट्रेनर तैयार करना था जो भविष्य में जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित करके सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बना सकें।

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