छत्तीसगढ़

जनजातीय गौरव बाबा कार्तिक उरांव को मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि : समाज के उत्थान के लिए समर्पित रहा जीवन

अंबिकापुर। महान शिक्षाविद्, समाजसेवी और राष्ट्रनायक बाबा कार्तिक उरांव की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में अंबिकापुर में आयोजित एक समारोह में भूमि पूजन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

बाबा कार्तिक उरांव: समाज का गौरव और प्रेरणास्रोत

मुख्यमंत्री श्री साय ने बाबा कार्तिक उरांव को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि बाबा कार्तिक उरांव जनजातीय समाज के लिए एक महान गौरव हैं। उन्होंने विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद अपनी संस्कृति, धर्म और सभ्यता से कभी दूरी नहीं बनाई। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे अपने पुरखों के मार्ग का अनुसरण करते हुए उच्च शिक्षा के शिखर तक पहुंचे और समाज को सही दिशा प्रदान की।

शिक्षा और सामाजिक एकता का संदेश

मुख्यमंत्री श्री साय ने बाबा कार्तिक उरांव के प्रेरणादायी कथन को याद किया: “जितना अधिक पढ़ेंगे, उतना ही समाज को गढ़ेंगे।” उन्होंने जोर देकर कहा कि बाबा कार्तिक उरांव ने जनजातीय समाज के उत्थान, शिक्षा के प्रचार और सामाजिक एकता के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने उपस्थित लोगों से उनके दिखाए मार्ग पर चलकर समाज के सर्वांगीण विकास का संकल्प लेने का आह्वान किया।

अंबिकापुर में चौक का होगा निर्माण

इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नगर निगम कार्यालय के निकट बनने वाले बाबा कार्तिक उरांव चौक का भूमि पूजन किया। उन्होंने मूर्ति और चौक के निर्माण के लिए ₹40.79 लाख की राशि देने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह चौक बाबा कार्तिक उरांव के आदर्शों, विचारों और अमूल्य योगदान को सहेजने का प्रतीक बनेगा।

समाज के लिए समर्पण की भावना

कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि बाबा कार्तिक उरांव हमारे लिए सदा प्रेरणा के स्रोत रहेंगे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के उत्थान और प्रगति के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए, जिन्होंने समाज की संस्कृति, परंपराओं और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हुए उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

एकता और सशक्तिकरण पर जोर

सांसद चिंतामणि महाराज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा कार्तिक उरांव ने हमेशा समाज में शिक्षा, एकता और जागरूकता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज यह अत्यंत आवश्यक है कि हम उनके आदर्शों और मार्ग का अनुसरण करते हुए समाज को संगठित करें और एकता के सूत्र में बांधें। इससे जनजातीय समाज सशक्त और आत्मनिर्भर बनकर देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेगा।

इस गरिमामय कार्यक्रम में सामरी विधायक श्रीमती उद्धेश्वरी पैकरा, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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