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अरब सागर में नौसेना थी तैयार : डीजीएमओ का बड़ा खुलासा, ‘अगर पाक देर करता तो परिणाम होते विनाशकारी’

नई दिल्ली (एजेंसी)। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जब भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया, तब पड़ोसी देश के साथ चार दिनों तक सैन्य संघर्ष चला। इस दौरान भारतीय नौसेना अरब सागर में आगे बढ़ चुकी थी और पाकिस्तान पर निर्णायक कार्रवाई करने ही वाली थी, लेकिन तभी संघर्ष को अचानक रोक दिया गया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नेतृत्व कर रहे सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने मंगलवार को एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मई में चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद, भारतीय नौसेना अरब सागर में पूरी तरह तैनात थी और पाकिस्तान पर हमला करने को तैयार थी। लेकिन, तभी पाकिस्तान ने शत्रुता समाप्त करने की गुहार लगाई। इसके बाद दोनों देशों के डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद संघर्ष विराम रोक दिया गया।

‘अगर पाकिस्तान नरम नहीं पड़ता तो परिणाम भयावह होते’

संयुक्त राष्ट्र सैन्य योगदान देने वाले देशों (UNTCC) के प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारतीय नौसेना पूरी तरह सक्रिय थी और अरब सागर में पहुँच चुकी थी। उन्होंने कहा कि “यह शायद एक ऐसा तथ्य है जो बहुत कम लोगों को पता है।”

उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर पाकिस्तान ने थोड़ी और देर की होती और ‘नरम’ नहीं पड़ता, तो पड़ोसी देश के लिए इसके परिणाम विनाशकारी हो सकते थे। उन्होंने दावा किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान 100 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और कई लड़ाकू विमान नष्ट किए गए।

सैन्य अधिकारी ने आगे कहा, “अगर दुश्मन ने इसे और आगे बढ़ाने का फैसला किया होता, तो न केवल समुद्र से, बल्कि अन्य हिस्सों से भी उस पर बड़े हमले होते।”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल से 6-7 मई की रात के बीच कई सटीक सैन्य कार्रवाइयां की गईं। लक्ष्यों का चयन सेना द्वारा जाँचे गए लक्ष्यों के एक बड़े समूह से किया गया था। इस दौरान एक बहुत ही सक्रिय सूचना युद्ध अभियान भी चलाया गया।

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने यह भी कहा कि “आतंकवाद के खिलाफ हमारी रणनीति में सैद्धांतिक बदलाव” आया है, जैसा कि प्रधानमंत्री ने भी स्पष्ट किया है:

आतंकवादी हमले एक तरह से युद्ध की कार्रवाई हैं और इनका निर्णायक जवाब दिया जाएगा।

हम परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेंगे।

आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के बीच कोई अंतर नहीं है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ का दूसरा चरण होगा और भी घातक

दूसरी ओर, सेना की पश्चिमी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने मंगलवार को चेतावनी दी कि पाकिस्तान के पास भारत से सीधा युद्ध लड़ने की क्षमता नहीं है, लेकिन वह फिर से पहलगाम जैसे हमले करने की कोशिश कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का दूसरा चरण पहले से भी ज़्यादा घातक होगा।

लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने कहा कि पाकिस्तान ‘भारत को हजारों जख्म देकर खून बहाने’ की अपनी नीति पर कायम है, लेकिन भारतीय सेना इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, “इस बार हम जो कार्रवाई करेंगे वह पहले से भी जोरदार होगी। यह (ऑपरेशन सिंदूर का अगला चरण) और भी ज़्यादा घातक होगा।”

उन्होंने दोहराया कि जब तक पाकिस्तान की सोच में बदलाव नहीं आता, वह ऐसी हरक़तें करता रहेगा, लेकिन भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में उसे भारी नुकसान पहुंचाया है, जिसमें उसकी चौकियां और हवाई अड्डे तबाह किए गए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है।

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