
रायपुर। भारत सरकार की महत्वकांक्षी ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ को जिले भर में भारी समर्थन मिल रहा है। लोग बड़ी उत्सुकता से अपने घरों की छतों पर सोलर सिस्टम लगवा रहे हैं। अब वे खुद ही बिजली पैदा करने वाले बन गए हैं और अतिरिक्त बिजली को वापस बिजली वितरण कंपनी को बेच रहे हैं। इस बदलाव से उनके घरों का बिजली बिल या तो शून्य हो गया है या फिर बहुत कम आ रहा है।
घरेलू सोलर पावर प्लांट लगाने के मामले में रायगढ़ जिला छत्तीसगढ़ राज्य में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी और स्थानीय बैंकों की मदद से लोग बिना किसी परेशानी के अपने घरों में सोलर सिस्टम लगवा पा रहे हैं।
सोलर से बचत, त्यौहारों की तैयारी
रायगढ़ शहर की लाभार्थी सुनीता पटेल बताती हैं कि ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत उन्होंने सरलता से आवेदन किया। आवेदन के तुरंत बाद उन्हें बैंक से ऋण (लोन) मिल गया और अगले ही दिन उनके घर पर 3 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगा दिया गया।
सुनीता बताती हैं कि पिछले दो महीनों से उनके घर का बिजली बिल लगभग न के बराबर आ रहा है। पहले उन्हें 3,000 रुपये से अधिक का बिल भरना पड़ता था, लेकिन अब यह ऋणात्मक (नेगेटिव) में आ रहा है। यह फायदा देखकर उन्होंने अपने घर में एक और सोलर सिस्टम लगवा लिया है।
सुनीता पटेल खुशी से बताती हैं, “सोलर सिस्टम लगाने से जो पैसे की बचत हो रही है, उससे इस बार हमारी दिवाली (या कोई भी बड़ा त्यौहार) और भी अच्छे से मनेगी।”
बड़ी सब्सिडी से आसान हुआ खर्च
केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से लोगों को 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम पर कुल 1 लाख 8 हज़ार रुपये की बड़ी सब्सिडी मिल रही है। इसमें केंद्र सरकार 78,000 रुपये और राज्य सरकार 30,000 रुपये का योगदान दे रही है।
सामान्यतः 3 किलोवाट के सिस्टम को लगाने में लगभग 1 लाख 90 हज़ार रुपये का खर्च आता है, लेकिन सब्सिडी कटने के बाद यह राशि केवल 72 हज़ार रुपये रह जाती है। सभी बैंक इस बची हुई राशि पर 6 प्रतिशत की ब्याज दर से 10 साल के लिए ऋण उपलब्ध करा रहे हैं। इस तरह, यह सिस्टम बहुत कम मासिक किश्तों (हजार रुपये से भी कम) में आम जनता को उपलब्ध हो रहा है।
















