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प्याज को मिला विदेशी बाजार, मलेशिया-दुबई में बढ़ेगी मांग

खंडवा (एजेंसी) । अब खंडवा जिले का प्याज मलेशिया, दुबई और श्रीलंका जैसे देशों के व्यंजनों का स्वाद बढ़ाएगा। गुरुवार को खंडवा की सब्जी मंडी में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला, जब महाराष्ट्र के 10 से अधिक निर्यातक व्यापारी प्याज खरीदने के लिए यहाँ पहुँचे। ये सभी व्यापारी अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्याज के निर्यात का कारोबार करते हैं।

निर्यातकों के खंडवा आने का कारण

दरअसल, इस साल महाराष्ट्र में प्याज की फसल तैयार होने में लगभग 15 से 20 दिन की देरी हो रही है, जबकि विदेशी बाजारों से प्याज की मांग लगातार बढ़ रही है। इस अंतर को भरने के लिए, निर्यातक व्यापारियों ने खंडवा की मंडी का रुख किया।

व्यापारियों ने किसानों के प्याज के लिए 2600 रुपये प्रति क्विंटल तक की सबसे ऊँची बोली लगाई। यह मौजूदा सीज़न की अब तक की सबसे अधिक कीमत है। गुरुवार को प्याज का औसत भाव भी लगभग 1200 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

किसानों के लिए राहत

मंडी में लगभग 10 हजार कट्टे प्याज की आवक हुई, और सारा माल अच्छे दामों पर बिक गया। लंबे समय से मंदी का सामना कर रहे किसानों के चेहरों पर इस बढ़ी हुई कीमत का सकारात्मक प्रभाव साफ दिखाई दिया।

फसल पर मौसम का असर और निराशा

इस सीज़न में जिले के करीब सात हजार हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की बुआई की गई थी, लेकिन खराब मौसम और बादलों के प्रभाव के कारण फसल बुरी तरह प्रभावित हुई थी। किसानों ने अपनी उपज को बचाने के लिए लगातार दवाइयों का छिड़काव किया, लेकिन जब उत्पादन तैयार हुआ, तो उन्हें बाजार में बेहद कम दाम मिलने से निराशा हुई थी।

पहले मंडी में प्याज का भाव दो से पाँच रुपये प्रति किलोग्राम तक गिर गया था। प्याज निकालने की मजदूरी भी उत्पादन लागत से अधिक पड़ रही थी, जिसके कारण कई किसानों ने अपनी प्याज को खेत में ही रोटावेटर और कल्टीवेटर की मदद से नष्ट कर दिया था।

नई उम्मीद और मंडी में रौनक

गुरुवार को हुई बेहतर खरीद और विदेशी मांग ने किसानों में नई उम्मीद जगाई है। इस सकारात्मक बदलाव के साथ ही, मंडी में एक बार फिर से रौनक लौट आई है।

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