छत्तीसगढ़

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में छत्तीसगढ़ के नवाचारों की सराहना की

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण में छत्तीसगढ़ के अभिनव प्रयासों और माओवाद उन्मूलन के संकल्प का उल्लेख किया, जो प्रदेशवासियों के लिए गर्व का विषय है। अंबिकापुर के ‘गार्बेज कैफे’ और भारतीय नस्ल के श्वानों की प्रशंसा पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे पूरे राज्य के लिए सम्मान बताया। मुख्यमंत्री ने आज रायपुर के शांति नगर में ‘मन की बात’ सुनी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘मन की बात’ एक ऐसा अद्वितीय मंच है जो देशभर में हो रहे नवाचारी, प्रेरणादायक और जनहितैषी कार्यों को जोड़कर, सकारात्मक बदलाव लाने वालों को राष्ट्रीय पहचान दिलाता है।

प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन: अंबिकापुर का ‘गार्बेज कैफे’

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अंबिकापुर नगर निगम की अनोखी पहल ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की। यह पहल प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने की दिशा में एक मिसाल है।

व्यवस्था: यहाँ प्लास्टिक कचरा जमा करने वालों को भोजन दिया जाता है।

लाभ: 1 किलोग्राम प्लास्टिक कचरा लाने पर दोपहर या रात का पूरा भोजन मिलता है।

नाश्ता: आधा किलोग्राम प्लास्टिक कचरे के बदले नाश्ता दिया जाता है।

संचालन: इस कैफे का संचालन अंबिकापुर नगर निगम करता है, जो स्वच्छता, पुनर्चक्रण और सामाजिक संवेदनशीलता का शानदार उदाहरण है।

माओवाद के खात्मे पर गर्व और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने त्योहारों की बढ़ती रौनक, छठ पर्व की सामाजिक एकता और नए आत्मविश्वास से आगे बढ़ते भारत की भावना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि माओवादी गतिविधियों के सिमटते प्रभाव पर पूरे देश को गर्व है।

सुरक्षा का माहौल: डबल इंजन की सरकार के मजबूत संकल्प से देश में शांति और सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय परिणाम मिल रहे हैं।

खुशियों के दीप: मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है और उन इलाकों में भी खुशियों के दीप जले हैं, जहाँ कभी माओवादी आतंक का अंधेरा था।

विकास की पहल: ‘नियद नेल्ला नार’ योजना (जिसका अर्थ है आपका अच्छा गाँव) के माध्यम से अब मूलभूत सुविधाएं सुदूर गाँवों तक पहुँच रही हैं। लोग उस माओवादी आतंक का जड़ से खात्मा चाहते हैं जिसने उनके बच्चों के भविष्य को संकट में डाल दिया था।

भारतीय नस्ल के श्वान और प्रकृति संरक्षण

श्री साय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों में भारतीय नस्ल के श्वानों को शामिल करने के निर्णय की भी सराहना की। उन्होंने उदाहरण दिया कि छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में एक देशी श्वान ने 8 किलोग्राम विस्फोटक का पता लगाकर जवानों की जान बचाई, जिससे यह सिद्ध होता है कि भारतीय नस्ल के श्वान अधिक अनुकूल, दक्ष और विश्वसनीय हैं।

अंत में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रकृति संरक्षण पर विशेष जोर देते हुए नागरिकों से पेड़ लगाने और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान से जुड़ने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरणीय नवाचारों को एक जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।

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