‘पीएम सूर्य घर’ योजना : उपभोक्ता से बिजली दाता बनने का सफर

रायपुर। पारंपरिक रूप से बिजली का उपभोग करने वाले लोग अब स्वयं बिजली के उत्पादक (दाता) बन रहे हैं। ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ ने आम नागरिकों के जीवन में यह एक महत्वपूर्ण परिवर्तन संभव किया है।
अंबिकापुर में बदलाव की कहानी
अंबिकापुर के देवीगंज रोड, वार्ड क्रमांक 15 के निवासी जय गुप्त ने अपने घर की छत पर 5 किलोवाट क्षमता का सोलर रूफटॉप प्लांट स्थापित करवाया है। उन्होंने बताया कि मात्र एक महीने में उनके इस सोलर प्लांट ने 354 यूनिट से ज़्यादा बिजली का उत्पादन किया है।
जय गुप्त का कहना है कि इस पहल से उन्हें अब न केवल भारी-भरकम बिजली बिल से मुक्ति मिलेगी, बल्कि वे अतिरिक्त बिजली को ग्रिड को बेचकर आय भी अर्जित कर सकेंगे। यह योजना सचमुच आम आदमी को सशक्त बना रही है।
सब्सिडी और दोहरा आर्थिक लाभ
‘प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना’ के तहत, 5 किलोवाट का सोलर प्लांट स्थापित करने पर उपभोक्ताओं को सब्सिडी के रूप में बड़ी आर्थिक सहायता मिलती है:
केंद्र सरकार से: ₹78,000
राज्य सरकार से: ₹30,000
कुल आर्थिक सहायता: ₹1,08,000
यह पहल सुनिश्चित करती है कि उपभोक्ता अपने घर की बिजली की ज़रूरतें पूरी करने के साथ-साथ अतिरिक्त बिजली बेचकर नियमित आमदनी कमा सकें।
जय गुप्त का मानना है कि यदि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस योजना को अपनाते हैं, तो भविष्य में शहर ही नहीं, बल्कि पूरा प्रदेश ऊर्जा आपूर्ति में आत्मनिर्भर बन सकता है। इस योजना का दोहरा लाभ है: बिजली की बचत और अतिरिक्त बिजली बेचकर कमाई।
योजना का लाभ कैसे उठाएं
‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ का लाभ उठाना बहुत सरल है:
पंजीकरण: सबसे पहले नेशनल पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर जाना होगा।
विवरण दर्ज करें: अपने बिजली उपभोक्ता संख्या (कंज्यूमर नंबर) और मोबाइल नंबर का उपयोग करके पंजीकरण करें।
वेंडर का चयन: इसके बाद आप एक अधिकृत वेंडर का चयन कर सकते हैं और उससे सोलर रूफटॉप प्लांट लगवा सकते हैं।
बदलाव का विकल्प: यदि किसी कारणवश आप चुने हुए वेंडर से संतुष्ट नहीं हैं, तो योजना आपको वेंडर बदलने का विकल्प भी प्रदान करती है।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मज़बूत कदम
केंद्र और राज्य सरकार की यह संयुक्त पहल आने वाले समय में हर घर की छत को बिजली उत्पादन का केंद्र बनाने की क्षमता रखती है। यह न केवल घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देगी, बल्कि देश और प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगी।