पुलिस स्मृति दिवस : राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

पुलिस के शहीद जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि
रायपुर। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज, 21 अक्टूबर, को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित परेड समारोह में भाग लिया। यह कार्यक्रम माना रायपुर स्थित चौथी वाहिनी, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के प्रांगण में संपन्न हुआ।
राज्यपाल डेका और मुख्यमंत्री साय ने राज्य की जनता की ओर से पुलिस के शहीद वीर जवानों को श्रद्धापूर्वक नमन किया। उन्होंने शहीद स्मारक में पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
शहीद परिवारों से भेंट और संवेदना
इस अवसर पर, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस अधिकारियों एवं जवानों के परिजनों से मुलाकात की और उनके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने परिजनों को शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया।
राज्यपाल डेका का उद्बोधन: साहस और त्याग को नमन
राज्यपाल रमेन डेका ने अपने संबोधन में कर्तव्यपालन के दौरान शहीद हुए पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पुलिस के अदम्य साहस, पराक्रम और त्याग को देश हमेशा याद रखेगा।
उन्होंने पुलिस की निष्ठा और अनुशासन की सराहना की, जिसके कारण नागरिक शांति, सुरक्षा और विश्वास के वातावरण में जीवन जी पा रहे हैं।
राज्यपाल ने पुलिस के चुनौतीपूर्ण दायित्व को रेखांकित किया—जिसमें कानून-व्यवस्था बनाए रखना और नागरिकों को भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराना शामिल है।
उन्होंने आम जनता से भी पुलिस के प्रति सहयोग और मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने दृढ़ संकल्प, साहस और निष्ठा से नक्सलवाद का मुकाबला किया है, जिससे इन क्षेत्रों में शांति और विश्वास का माहौल मजबूत हुआ है।
राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि राज्य जल्द ही पूर्णतः नक्सल समस्या से मुक्त होगा।
अंत में, उन्होंने शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और पुलिस अधिकारियों तथा जवानों के सतत योगदान को नमन किया।
मुख्यमंत्री साय का उद्बोधन: बलिदान है प्रेरणास्रोत
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि 21 अक्टूबर का दिन देश की सुरक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस बल के जवानों के पुण्य स्मरण का दिन है।
उन्होंने कहा कि पुलिस और सुरक्षा बल कठिन परिस्थितियों और चुनौतियों के बीच भी चौबीसों घंटे समाज की सुरक्षा में तत्पर रहते हैं।
पुलिस जवानों की निष्ठा और अनुशासन से ही राज्य में शांति, सुरक्षा और विश्वास का माहौल बन पाता है।
उन्होंने कहा कि यह दिवस न केवल जवानों के पराक्रम को याद करने का, बल्कि उनके परिजनों के त्याग को भी श्रद्धापूर्वक नमन करने का अवसर है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के विरुद्ध सुरक्षा बलों ने अद्वितीय साहस का परिचय दिया है और अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं।
उन्होंने अमर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उनका बलिदान हमेशा स्मरणीय रहेगा और हमें कर्तव्य, अनुशासन एवं समर्पण की निरंतर प्रेरणा देता रहेगा।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा: प्रतिबद्धता और सहायता
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हमारे जवान अदम्य साहस और वीरता के साथ बस्तर में नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने की दिशा में लगातार संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जवान केवल नक्सलवाद का मुकाबला ही नहीं कर रहे, बल्कि बस्तर में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
शर्मा ने राज्य सरकार की शहीद वीर जवानों की स्मृति संजोए रखने और शहीद परिवारों की सहायता के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि स्मारिका के माध्यम से शहीद जवानों के बलिदान को चिरस्थायी बनाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने शहीद परिवारों की सहायता के लिए आईजी और एसपी कार्यालयों में की गई व्यवस्थाओं की भी जानकारी दी।
उप मुख्यमंत्री शर्मा ने अंत में पुलिस जवानों की वीरता को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
















