हिड़मा के समर्थन में वीडियो पोस्ट करना पड़ा भारी : यूट्यूब चैनल पर UAPA के तहत शिकंजा

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। खूंखार नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा की मौत के बाद, सोशल मीडिया पर उसे ‘महिमामंडित’ करने वाले एक यूट्यूब चैनल के विरुद्ध गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
बीते महीने आंध्र प्रदेश में सुरक्षा बलों के साथ हुई एक मुठभेड़ में एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली माड़वी हिड़मा को ढेर कर दिया गया था। हिड़मा, जो मूल रूप से बीजापुर के पूवर्ती गांव का निवासी था, नक्सली संगठन के सबसे खतरनाक चेहरों में से एक माना जाता था।
उसकी मौत के बाद ‘KAALA TV’ नामक एक यूट्यूब चैनल पर कुछ वीडियो अपलोड किए गए थे। इन वीडियो में न केवल हिड़मा का पक्ष लिया गया, बल्कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई और सरकार की नीतियों पर भी आपत्तिजनक सवाल खड़े किए गए थे।
जांच के दायरे में सोशल मीडिया गतिविधियाँ
पुलिस प्रशासन ने इस भड़काऊ सामग्री को गंभीरता से लेते हुए रायपुर के सिविल लाइन थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसकी कमान एसआईए (SIA) को सौंपी गई है।
सख्त कार्रवाई: यह पहली बार है जब नक्सल विरोधी अभियान के दौरान किसी सोशल मीडिया हैंडल के खिलाफ इतनी कड़ी धाराओं में केस दर्ज हुआ है।
निगरानी: जांच एजेंसियां अब उन अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी ट्रैक कर रही हैं जो हिड़मा या नक्सली विचारधारा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं।
उद्देश्य: प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि अशांति फैलाने या प्रतिबंधित संगठनों के समर्थन में किए गए किसी भी डिजिटल प्रचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस कार्रवाई के बाद से सोशल मीडिया पर इस तरह का कंटेंट परोसने वाले समूहों में हड़कंप मचा हुआ है।
















