छत्तीसगढ़

राष्ट्रपति मुर्मु ने जनजातीय समाज के प्रतिनिधियों और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों से मुलाकात की

अंबिकापुर। भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, जनजातीय गौरव दिवस 2025 के अवसर पर आयोजित मुख्य समारोह में भाग लेने के लिए सरगुजा जिले के पीजी कॉलेज ग्राउंड, अंबिकापुर पहुँचीं। उन्होंने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

इस गरिमामय कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, तथा केंद्र एवं राज्य सरकार के कई मंत्री और विधायक उपस्थित थे। इनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:

राज्यमंत्री (जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार): श्री दुर्गा दास उईके

राज्यमंत्री (आवास एवं शहरी मंत्रालय, भारत सरकार): श्री तोखन साहू

मंत्री (आदिम जाति विकास विभाग, छत्तीसगढ़): श्री रामविचार नेताम

मंत्री (वित्त वाणिज्यिक कर विभाग, छत्तीसगढ़): श्री ओमप्रकाश चौधरी

मंत्री (पर्यटन संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग, छत्तीसगढ़): श्री राजेश अग्रवाल

मंत्री (वन एवं जलवायु परिवर्तन, छत्तीसगढ़): श्री केदार कश्यप

मंत्री (लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, छत्तीसगढ़): श्री श्याम बिहारी जायसवाल

मंत्री (महिला एवं बाल विकास, छत्तीसगढ़): श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े

इनके अलावा, सरगुजा सांसद श्री चिंतामणी महाराज तथा स्थानीय विधायक और महापौर भी उपस्थित थे।

जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों का सम्मान

राष्ट्रपति मुर्मु ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपने अदम्य योगदान से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जनजातीय जननायकों और सेनानियों के परिजनों को विशेष रूप से सम्मानित किया।

राष्ट्रपति ने जिन वीरों के परिवारों से भेंट की, उनमें शामिल थे:

शहीद वीर नारायण सिंह (सोनाखान क्रांति के जननायक) और उनके सेनापति के परिजन।

शहीद गेंदसिंह (परलकोट क्रांति के जननायक) के परिजन।

श्री सुकदेव पातर (झण्डा सत्याग्रह के जननायक) के परिजन।

श्री बन्टु धुरवा (भूमकाल क्रांति के जननायक) के परिजन।

शहीद रामधीन गोड़ (जंगल सत्याग्रह के जननायक) के परिजन।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री राजनाथ भगत और श्री माझी राम गोंड़ के परिजन।

जनजातीय समाज प्रमुखों और विशेष पिछड़ी जनजाति (PVTG) के प्रतिनिधियों से मुलाकात

राष्ट्रपति ने जनजातीय समाज के प्रमुखों और विशेष रूप से पीवीटीजी (Particularly Vulnerable Tribal Group) समुदाय के प्रतिनिधियों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने जनजातीय समाज के उत्थान के लिए विशेष योगदान देने वाले व्यक्तियों से भी भेंट की और उनके साथ समूह फोटो खिंचवाई।

विशेष पिछड़ी जनजातियों (PVTG) से मुलाकात

बिरहोर जनजाति: श्री राजेश बिरहोर

अबुझमाड़िया जनजाति: श्री रामजी ध्रुव

बैगा जनजाति: श्री एतवारी राम मछिया

पहाड़ी कोरवा जनजाति: श्री जोगीराम

अन्य जनजातियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात

उरांव जनजाति: श्री मंगल उरांव

नगेशिया जनजाति: श्री धनराम नागेश

खैरवार जनजाति: श्री वीर सिंह खैरवार

कंवर जनजाति: श्री संजय सिंह

नागवंशी जनजाति: श्री लक्कू राम नागवंशी

मुरिया जनजाति: श्री धनीराम शोरी

गोंड़ जनजाति: श्री मोहन सिंह

पंण्डो जनजाति: श्री विनोद कुमार पंण्डो

चेरवा जनजाति: श्री डी.एन. चेरवा

‘राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र’ बसन्त पण्डो से स्नेहपूर्ण भेंट

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने पण्डो जनजाति के बसन्त पण्डो से विशेष रूप से मुलाकात की।

उन्होंने कुशलक्षेम पूछने के बाद शॉल भेंट कर उनका सम्मान किया।

बसन्त पण्डो ने राष्ट्रपति को बताया कि वे वर्ष 1952 में अंबिकापुर आए भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के द्वारा गोद लिए गए थे, जब वे मात्र 8 वर्ष के थे।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा गोद लिए जाने के बाद ही पण्डो जनजाति को ‘राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र’ के रूप में जाने जाने का विशेष दर्जा प्राप्त हुआ।

वर्तमान राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने भी बसन्त पण्डो को अत्यंत स्नेह से कहा कि “आप मेरे भी पुत्र की तरह हैं।”

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