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विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के बावजूद प्रतिका रावल को मेडल नहीं मिलने पर सवाल, नियम बना रोड़ा

नई दिल्ली (एजेंसी)। आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 में भारतीय टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ियों में शामिल रहीं प्रतिका रावल, चोट के कारण सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबला नहीं खेल पाईं। इसके बावजूद, वह रविवार रात को नवी मुंबई में अपनी टीम के जश्न में शामिल होने के लिए व्हीलचेयर पर पहुंचीं।

हालांकि, प्रतिका को विजेता टीम को दिया जाने वाला मेडल नहीं मिल पाया, क्योंकि नियमों के अनुसार वह फाइनल मैच के लिए 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा नहीं थीं। इस कमी को पूरा करने के लिए, जेमिमा रोड्रिग्स और राधा यादव समेत भारतीय टीम की कुछ खिलाड़ियों ने अपने पदक प्रतिका के गले में डाले।

मंधाना के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाली दूसरी भारतीय बल्लेबाज

सलामी बल्लेबाज प्रतिका ने पूरे टूर्नामेंट में 51.33 की शानदार औसत से 308 रन बनाए। वह स्मृति मंधाना (434 रन) के बाद भारत की ओर से दूसरी और पूरे टूर्नामेंट की चौथी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज थीं।

प्रतिका ने लीग चरण में न्यूजीलैंड के खिलाफ करो या मरो के मैच में 122 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी।

उन्होंने मंधाना के साथ मिलकर 212 रन की साझेदारी करके टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाने में निर्णायक भूमिका निभाई थी।

उनके लिए सब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन लीग चरण के आखिरी मैच में बांग्लादेश के खिलाफ बारिश से प्रभावित मुकाबले में टखने में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा।

तिरंगा लहराकर मनाया जीत का जश्न

फाइनल के दौरान व्हीलचेयर पर बैठकर टीम की हौसला अफजाई करने के बाद, प्रतिका जीत का जश्न मनाने के लिए मैदान पर आईं।

उन्होंने अपने कंधे पर तिरंगा रखा हुआ था।

वह कप्तान हरमनप्रीत कौर और अन्य साथी खिलाड़ियों के साथ व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे भांगड़ा करके इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मना रही थीं।

जब टीम मंच पर ट्रॉफी के साथ जश्न मना रही थी, तब मंधाना उनकी व्हीलचेयर को लेकर मंच पर पहुंचीं और पूरी टीम ने एक साथ जीत का जश्न मनाया।

प्रतिका की जगह टीम में शामिल हुईं शेफाली वर्मा ने फाइनल में अपने हरफनमौला खेल से टीम को चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया। शेफाली ने 87 रन की आक्रामक पारी खेलने के बाद दो महत्वपूर्ण विकेट भी चटकाए, जिसकी बदौलत भारत ने 52 रन से जीत दर्ज की और पहली बार महिला विश्व कप का खिताब अपने नाम किया।

खुशी बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं: प्रतिका

भले ही प्रतिका फाइनल मैच नहीं खेल सकीं, लेकिन इस विश्व कप में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। इस दौरान प्रतिका ने प्रसारकों से बात करते हुए कहा:

“इस खुशी को बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मेरे कंधे पर तिरंगा है और यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। चोट खेल का हिस्सा है, लेकिन इस समय टीम के साथ होने से बड़ा एहसास कुछ नहीं हो सकता है। मैं इस विजेता टीम का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं।”

उन्होंने आगे कहा, “मेरे लिए बाहर बैठकर मैच देखना मुश्किल था। मेरे लिए इससे आसान काम मैच खेलना था। स्टेडियम में आए दर्शक इस जीत के हकदार हैं। दर्शकों में ऐसा जोश और जुनून देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। यह एक शानदार एहसास है।”

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